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लखनऊ

पीएम मोदी ने दिया भक्ति से प्रेम और शक्ति से शासन का संदेश, राम मंदिर के बहाने खींचा भविष्य की राजनीति का खाका

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामजन्मभूमि में रामलला के सामने साष्टांग दंडवत हो गए। श्रीराम की मर्यादा और उनकी नीतियों का बखान किया। मर्यादा पुरूषोतम श्रीराम की नीति- भय बिन होय न प्रीति, का हवाला देते हुए मोदी ने सख्ती से शासन चलाने की बात कही।

लखनऊAug 07, 2020 / 10:05 am

नितिन श्रीवास्तव

पीएम मोदी ने दिया भक्ति से प्रेम और शक्ति से शासन का संदेश, राम मंदिर के बहाने खींचा भविष्य की राजनीति का खाका

पीएम मोदी ने दिया भक्ति से प्रेम और शक्ति से शासन का संदेश, राम मंदिर के बहाने खींचा भविष्य की राजनीति का खाका

अयोध्या. बुधवार को रामनगरी अयोध्या से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भक्ति से प्रेम और शक्ति से शासन का संदेश दिया। रामजन्मभूमि में वह रामलला के सामने साष्टांग दंडवत हो गए। श्रीराम की मर्यादा और उनकी नीतियों का बखान किया। मर्यादा पुरूषोतम श्रीराम की नीति- भय बिन होय न प्रीति, का हवाला देते हुए मोदी ने सख्ती से शासन चलाने की बात कही। राम मंदिर के शिलान्यास के बहाने वो भविष्य की राजनीति का खाका खींच गए। आखिर, कौन सा है वो खाका- जो भारत की तस्वीर बदल सकता है, यह जानने के लिए देखते रहें-राम मंदिर का निर्माण।

 

पर्यटन का नया केंद्र अयोध्या

राममंदिर के भूमिपूजन के बाद राम के आर्दश और रामराज्य की परिकल्पना को साकार करना ही भविष्य की राजनीति के आधार बिंदु बनेंगे। मंदिर के सहारे मोदी ने पर्यटन में बदलाव का संकेत दिया। मतलब साफ है श्रीराम आस्था और राष्ट्रीय भावना के प्रतीक तो होंगे ही आर्थिक तस्वीर बदलने का माध्यम भी बनेंगे। पूरी दुनिया के लोग जब अयोध्या आएंगे तब यहां की भव्यता बढ़ेगी। क्षेत्र का पूरा अर्थ तंत्र बदलेगा। हर क्षेत्र में नए अवसर बनेंगे।

 

आधुनिक संस्कृति का प्रतीक

प्रधानमंत्री ने कहा-राममंदिर के लिए कई पीढिय़ों ने अपना सब कुछ समर्पित कर दिया। कई—कई सदियों तक लोगों ने अखंड, अविरत एकनिष्ठ प्रयास किया। उनके त्याग,बलिदान और संघर्षों के सम्मान का आधार अब राम की संस्कृति होगी। पीएम ने कहा श्रीराम बदलाव के भी प्रतीक थे। इसलिए मंदिर में आधुनिकतम टेक्नालॉजी का समावेश होगा। श्रीराम मंदिर आधुनिक संस्कृति का प्रतीक होगा।

 

राम की मर्यादाओं की याद

मोदी ने शिलान्यास को सत्य, अहिंसा, आस्था और बलिदान की अनुपम भेंट बताया। राममंदिर आंदोलन के दौरान बरती गयीं मर्यादाओं का जिक्र किया। इसलिए श्रीराम के काम में भी मर्यादा बरतनी होगी। मंदिर निर्माण में शांति के साथ देश में सभी की भावनाओं का ध्यान रखते हुए व्यवहार होगा।

 

नहीं भूल सकते पिछड़ों का योगदान

प्रधानमंत्री ने देश के निर्माण में केवट से लेकर वनवासी और आदिवासी बंधुओं के योगदान को याद किया। उन्होंने कहा, दलितों, पिछड़ों और आदिवासी समाज के हर वर्ग ने आजादी की लड़ाई में महात्मा गांधी को सहयोग दिया। अब देशभर के लोगों के सहयोग से राम मंदिर का निर्माण होगा। राम मंदिर भारतीय संस्कृति की समृद्ध विरासत है। इसलिए सभी को एकजुट होकर काम करना होगा। तभी सामाजिक समरसता का विकास होगा।

 

रामराज्य की परिकल्पना

पीएम ने श्रीराम की नीति-भय बिन होय न प्रीति का जिक्र किया। वे बोले – कोई भी दुखी ना हो, कोई भी गरीब ना हो, नर—नारी सभी समान रूप से सुखी हों। किसान, पशुपालक सब खुश रहें। बुजुर्गों, बच्चों की रक्षा हो और जो शरण में आए उसकी रक्षा हो। रामराज्य में इसी तरह का आर्दश समाज था। मतलब साफ है सबके साथ न्याय हो, सब सुखी हों। इस पर काम करना होगा। मोदी ने याद दिलाया-देश जितना ताकतवर होगा उतनी ही शांति बनी रहेगी। राम की यही नीति भारत का मार्गदर्शन करती रही है। यानी भारत अपनी संप्रभुता मजबूत करने की कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगा।

 

कर्तव्य पालन की सीख

मोदी ने प्रभु श्रीराम राम के बहाने अधिकार के साथ कर्तव्य पालन का संदेश दिया। उन्होंने कहा, राम समय के साथ बढऩा, समय के साथ चलना सिखाते हैं। राम परिवर्तन और आधुनिकता के पक्षधर हैं। श्रीराम कर्तव्य पालन की सीख देते हैं। कर्तव्यों को कैसे निभाएं इसकी सीख भी राम से मिलती है। आगे बढऩा है तो सभी को अपने कत्र्तव्यों को निभाना होगा।

 

हम आगे बढ़ेंगे, देश आगे बढ़ेगा

प्रधानमंत्री ने संदेश दिया-हम आगे बढ़ेगे, देश आगे बढ़ेगा। राम मंदिर युगों-युगों तक मानवता की प्रेरणा देता रहेगा। मार्गदर्शन करता रहेगा। मोदी ने कोरोनाकाल में प्रभु राम के मर्यादा के मार्ग और अधिक आवश्यक बताया। उन्होंने कहा- वर्तमान की मर्यादा है, दो गज की दूरी मास्क है जरूरी। मर्यादाओं का पालन करते हुए ही हम स्वस्थ रह सकते हैं। पीएम मोदी ने अपने भाषण के आखिर में देश के ताकतवर बनने पर ही शांति होने की बात कहकर इस ओर भी इशारा कर दिया कि भारत अपनी रक्षानीति के साथ कोई समझौता नहीं करेगा। भारत आगे बढ़ेगा और मजबूती के साथ आगे बढ़ेगा।

 

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