सोलह लाभार्थी रहे मौजूद इस कार्यक्रम में लखनऊ के कुल 16 लाभार्थियों ने भाग लिया। इनमें से अलीगंज लखनऊ के वीर भान सिंह से प्रधानमंत्री ने बातचीत की। वीर भान सिंह से प्रधानमंत्री ने पूछा कि आप क्या कार्य करते हैं ? इस पर उन्होंने बताया कि वे रिटायर हो चुके हैं। वीर भान सिंह ने अपनी बीमारी के बारे में बताया कि उनके सीने में दर्द शुरू हुआ। इस पर वे केजीएमयू के लारी कार्डियोलॉजी इंस्टिट्यूट में डॉक्टर शरत चंद्रा के पास दिखाने गए। डॉक्टर साहब ने उन्हें ऑपरेशन की सलाह दी। उनके ऑपरेशन में स्टेंट की कीमत सहित कुल 56- 57 हजार रुपए खर्च हुए जबकि कुछ समय पूर्व उनके भाई के इसी प्रकार के ऑपरेशन में दिल्ली में लगभग 3,50,000 रूपये खर्च हुए थे। इस पर प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की और बताया कि अब स्टेंट ऑपरेशन में आपके भाई के मुकाबले केवल 10 से 20 प्रतिशत खर्चा हुआ और आप बिल्कुल ठीक हैं।
पीएम ने जाहिर की ख़ुशी प्रधानमंत्री ने कहा कि एक बार हृदय रोग की बीमारी का पता चल जाए तो वह अगर सारे नियमों का पालन करते हुए जीवन यापन का कार्य करें तो लंबी जिंदगी जी सकते हैं। प्रधानमंत्री ने वीर भान सिंह की सराहना की कि उन्होंने अपने परिवार में पत्नी भाई तथा स्वयं अपना बीमारी का पता चलते ही तुरंत ही इलाज कराया। बहुत से लोग इस प्रकार के दर्द को गैस का दर्द समझकर टाल देते हैं। प्रधानमंत्री ने घुटनों के ऑपरेशन की कीमतों में 7 से लेकर 70% तक की कमी के बारे में भी बताया और इस पर प्रसन्नता व्यक्त की कि अब गरीब लोग भी अपने घुटने बदलवाने का कार्य कर सकते हैं। नरेंद्र मोदी ने कहा कि घुटनों के ऑपरेशन में पहले 2.50 से 3.50 लाख तक रुपए खर्च होते थे जो खर्चा अब केवल 60 से 70,000 हो गया है।