Postal Department Will Help In Bone Immersion And Shraddha Rituals
पत्रिका न्यूज नेटवर्कवाराणसी. Postal Department Will Help In Bone Immersion And Shraddha Rituals. कोरोना संक्रमण (Corona Virus) के दौरान कई लोग अपनों का अंतिम संस्कार नहीं कर पा रहे हैं। कोरोना कर्फ्यू में कई लोगों का अपने गृह जनपद आ पाना मुश्किल हो रहा है। आम दिनों में लोग स्थानीय घाट पर दाह संस्कार करने के बाद अपने पूर्वजों की अस्थियां चुनते हैं और बाद में उन्हें तीर्थ स्थान में ले जाकर उनका विसर्जन गंगा में करते हैं। पूर्वज की मुक्ति के लिए अंतिम संस्कार के बाद अस्थियां संग्रह करके वाराणसी, हरिद्वार, प्रयागराज व गया में विसर्जन की परंपरा है। लोग अस्थि कलश लेकर तीर्थ स्थानों पर जाते हैं और विधि-विधान से गंगा में विसर्जन करते हैं। लेकिन कोरोना के चलते अधिकतर लोग ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। शहर के घाटों पर अंतिम संस्कार के बाद लोग अस्थियां चुनते ही नहीं है। अब यह जिम्मेदारी डाक विभाग उठाएगा। डाक विभाग स्पीड पोस्ट से उस अस्थि के पैकेट को संबंधित जगहों पर भिजवाएगा। कर्मकांड कराने में भी डाक विभाग मददगार बनेगा। इसके लिए डाक विभाग और ओम दिव्य दर्शन संस्था के बीच समझौता हुआ है।
डाक विभाग और ओम दिव्य दर्शन संस्था के बीच समझौता वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार का कहना है कि स्पीड पोस्ट से अस्थियां भेजी जाएंगी। महामारी के इस दौर में डाक विभाग ने ओम दिव्य दर्शन नामक सामाजिक-धार्मिक संस्था के साथ मिलकर ऐसे लोगों की मदद करने का फैसला किया है। संस्था की ओर से विधिवत कर्मकांड कराया जाएगा। पोस्टमास्टर ने कहा कि संबंधित लोगों को संस्था के पोर्टल htpp://omdivysdarshan.org पर अपना पंजीकरण कराना होगा। इसके बाद डाकघर में भेजे जाने वाले अस्थि पैकेट को अच्छी तरह से पैक कर इस पर मोटे अक्षरों में ओम दिव्य दर्शन अंकित करना होगा, ताकि इसे अलग से पहचाना जा सके। पैकेट पर नाम, पता, मोबाइल नंबर भी दर्ज करना होगा। स्पीड पोस्ट बुक करने के बाद संस्था के पोर्टल पर स्पीड पोस्ट बार कोड नंबर सहित बुकिंग डिटेल्स अपडेट करना होगा।
वेबकास्ट से देख सकेंगे कर्मकांड डाकघर में पैकेट मिलने के बाद ओम दिव्य दर्शन के पते पर इसे डाक विभाग भेज देगा। इसके बाद पंडित इसका विधिवत अस्थि विसर्जन और श्राद्ध संस्कार करेंगे। इसे ऑनलाइन दर्शाया जाएगा यानी कि वेबकास्ट के माध्यम से म-तक के परिवार के लोग भी इसे देख सकेंगे। सारे संस्कारों के बाद संस्था द्वारा मृतक के परिवार को डाकघर द्वारा एक बोतल गंगा जल भी भेजेगा।