पोस्टर के विरोध में पोस्टर, सपा ने लगवाए सेंगर और चिन्मयानंद की करतूत वाले बैनर
लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन काननू (CAA) हिंसा के आरोपियों का पोस्टर लगवाने के बाद मामले में राजनीति शुरू हो गई है। शुक्रवार को समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता आईपी सिंह ने नाम और पते के साथ रेप के आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Singh Senger) और चिन्मयानंद (Chinmayanand) के पोस्टर सीएए हिंसा के आरोपियों के साथ लगा दिए। हालांकि, मामले की जानकारी होने के बाद बाद में पुलिस ने पोस्टर हटा दिए।
आई पी सिंह ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से पोस्टर लगाए जाने की जानकारी देते हुए कहा, ‘जब प्रदर्शनकारियों की कोई निजता नहीं है और उच्चन्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी योगी सरकार होर्डिंग नहीं हटा रही है तो ये लीजिए फिर। लोहिया चौराहे पर मैंने भी कुछ कोर्ट द्वारा नामित अपराधियों का पोस्टर जनहित में जारी कर दिया है, इनसे बेटियां सावधान रहें।’
भाजपा को बताया महिला विरोधी इससे पहले पोस्टर की तस्वीर शेयर कर आईपी सिंह ने कहा कि इसका विरोध वही करेगा जो महिला विरोधी होगा और बलात्कारियों का समर्थन करता होगा। सरकार उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय का अपमान कर संविधान विरोधी कार्य करेगी तो फिर उसके पहले भाजपा को अपने गिरेबान में भी झांक कर देख लेना चाहिए। भाजपा महिला विरोधी है।
उधर, यूपी सरकार द्वारा 57 उपद्रवियों के पोस्टर लगाने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उसे हटाने का आदेश दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इंकार कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस उमेश उदय ललित और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की अवकाशकालीन बेंच इस मामले को बड़ी बेंच को भेजने का फैसला सुनाया। जस्टिस ललित ने कहा कि इस मामले को चीफ जस्टिस देखेंगे। इस मामले में सभी व्यक्ति जिनके नाम होर्डिंग्स में हैं, उन्हें सुप्रीम कोर्ट के सामने मामले में पक्ष रखने की अनुमति दी गई है।