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लखनऊ

16 साल की उम्र में ही विकास दुबे का खास बन गया था प्रभात, मां ने मुठभेड़ पर खड़े किए सवाल

प्रभात मिश्रा (Prabhat Mishra) की मां ने मुठभेड़ पर ही सवाल (Question) खड़ा कर कहा कि उनके बेटे को कोर्ट (Court) में पेश किया गया था, फिर उसे कैसे मार दिया गया।

लखनऊJul 09, 2020 / 01:35 pm

Neeraj Patel

16 साल की उम्र में ही विकास दुबे का खास बन गया था प्रभात, मां ने मुठभेड़ पर खड़े किए सवाल

16 साल की उम्र में ही विकास दुबे का खास बन गया था प्रभात, मां ने मुठभेड़ पर खड़े किए सवाल

लखनऊ. गैंगस्टर विकास दुबे (Gangster Vikas Dubey) के रौब और दबंगई से जहां एक ओर गांव वाले थर्राते थे तो वहीं कुछ युवा उसे अपना आदर्श मानने लगे थे। ऐसा ही एक युवा था प्रभात मिश्रा (Prabhat Mishra) उर्फ कार्तिकेय, जिसे गुरुवार सुबह यूपी एसटीएफ (UP STF) ने कानपुर (Kanpur) के पनकी थाना क्षेत्र में हुए मुठभेड़ (Encounter) में मार गिराया। वहीं प्रभात मिश्रा की मां ने मुठभेड़ पर ही सवाल खड़ा कर कहा कि उनके बेटे को कोर्ट में पेश किया गया था। फिर कैसे उसे मार दिया गया। मां ने बताया कि घटना वाली रात प्रभात घर में ही मौजूद था। वारदात के बाद उन्होंने ही उसे भगाया था। जब यह पूछा गया क्यों भगाया तो उन्होंने कहा कि जब सभी भाग रहे थे तो उसे भी भगा दिया।

प्रभात मिश्रा महज 16 साल की उम्र में विकास दुबे का खास बन गया था। इतना ही नहीं 2 जुलाई की रात पुलिस टीम पर हुए हमले में भी वह भी शामिल था। उसे फरीदाबाद पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद ट्रांजिट रिमांड पर पुलिस उसे लेकर कानपुर आ रही थी। एसटीएफ के मुताबिक पनकी थाना क्षेत्र में गाड़ी पंक्चर हो गई। इसका फायदा उठाकर प्रभात मिश्र दरोगा की पिस्टल छीनकर भागने लगा। पीछे से आ रही एस्कॉर्ट की गाड़ी में मौजूद एसटीएफ से उसकी मुठभेड़ हुई जिसमें वह मारा गया। इस मुठभेड़ में एसटीएफ के दो जवान भी घायल हुए हैं।

मृतक प्रभात मिश्रा का घर विकास दुबे के बगल में ही था। वारदात की रात प्रभात मिश्रा के घर से भी गोली पुलिस वालों पर चलाई गई थी। प्रभात मिश्रा महज 16 साल का था, लेकिन पढ़ाई में उसका मन नहीं लगा। वह बचपन से ही विकास दुबे की दबंगई देखते हुए बड़ा हुआ। लिहाजा उसने उसके गैंग को ज्वाइन कर लिया। इतना ही नहीं वह खुद भी विकास की तरह ही लोगों पर रौब झाड़ता था। इलाके में लोग उससे भी खौफ खाते थे। प्रभात छोटी सी ही उम्र में विकास गैंग का अहम हिस्सा बन गया। उसका नंबर एनकाउंटर में मारे गए अमर दुबे के बाद आता था।

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