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लखनऊ

OBC वोटर्स को लुभाने के लिये बीजेपी की नयी चाल, अब सबको मिलेगा पीएम मोदी की इस योजना का लाभ

लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार अपनी महत्वाकांक्षी उज्ज्वला योजना के जरिये यूपी में सियासी जमीन तैयार करने में जुट गई है…

लखनऊJun 12, 2018 / 02:30 pm

Hariom Dwivedi

pradhan mantri ujjwala Yojana

OBC वोटर्स को लुभाने के लिये बीजेपी की नयी चाल, अब सबको मिलेगा इस योजना का लाभ


लखनऊ. लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार अपनी महत्वाकांक्षी उज्ज्वला योजना के जरिये यूपी में सियासी जमीन तैयार करने में जुट गई है। उज्ज्वला योजना का लाभ अभी तक बीपीएल कार्ड में शामिल अनुसूचित जाति/जनजाति परिवार की महिलाओं को ही मिल रहा था। लेकिन अब सरकार अति पिछड़ों को भी उज्ज्वला योजना के तहत नि:शुल्क गैस कनेक्शन बांटेगी। सोमवार को लखनऊ पहुंचे केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सरकार अब सभी अति पिछड़ों, अति दलित और अनुसूचित जाति/जनजाति परिवारों को उज्ज्वला योजना के तहत नि:शुल्क गैस कनेक्शन देगी।
2014 के लोकसभा चुनाव बीजेपी की बड़ी जीत में इन जातियों के जमकर वोट मिले थे। लेकिन हालिया संपन्न हुए उपचुनावों में इन जातियों ने बीजेपी के लिये वोट नहीं किया, जिसकी वजह से पार्टी को गोरखपुर-फूलपुर के बाद कैराना और नूरपुर उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ा। बीजेपी के ग्राम स्वराज अभियान में लगीं चौपालों के जरिये बीजेपी को उज्ज्वला योजना के बारे में बेहतर फीडबैक मिला है। इसलिये केंद्र सरकार अब सभी अति पिछड़ों, अति दलित और अनुसूचित जाति/जनजाति परिवारों को उज्ज्वला योजना का लाभ देने जा रही है।
अभी सभी को उज्ज्वला योजना का लाभ
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि उज्ज्वला योजना के तहत अब तक 3.16 करोड़ नि:शुल्क गैस कनेक्शन बांटे जा चुके हैं। 2022 तक आठ करोड़ परिवारों को इस योजना से लाभान्वित किये जाने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि अभी तक 2011 के आर्थिक-सामाजिक सर्वेक्षण के आधार पर ही उज्ज्वला योजना का लाभ दिया जा रहा था। लेकिन बीजेपी की चौपालों में सामने आया है कि अभी भी बड़ी संख्या लोग इस योजना से वंचित हैं। इसलिये सरकार अब सभी अति पिछड़ों, अति दलित और अनुसूचित जाति/जनजाति परिवारों को उज्ज्वला योजना के तहत नि:शुल्क गैस कनेक्शन बांटेगी।
ओबीसी वोटर्स को साधने की कवायद तेज
मिशन 2019 फतेह के लिये सभी दलों के लिये ओबीसी वोटर अहम हैं। पार्टियों की कोशिश जातियों व उपजातियों के मकड़जाल से वोट निकालने पर है। सबसे बड़े जाति समूह ओबीसी वोटर को अपने खेमेमें लाने के लिये सरकार जहां उज्ज्वला योजना का लाभ पिछड़ों को देने जा रही है वहीं, ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिलाने की कोशिश इसी रणनीति का अहम हिस्सा है। भाजपा इसे कांग्रेस के पिछड़ा वर्ग सम्मेलन की काट के तौर पर सामने ला रही है।
ओबीसी हर दल की जरूरत क्यों ?
यूपी में ओबीसी वोटरों की संख्या कुल आबादी की करीब 42-45 फीसदी है। इनमें यादव 10 फीसदी, लोधी 3-4 फीसदी, कुर्मी-मौर्य 4-5 फीसदी और अन्य का प्रतिशत 21 फीसदी है। दूसरी जातियों में दलित वोटर 21-22 फीसदी, सवर्ण वोटर 18-20 फीसदी और मुस्लिम वोटर 16-18 फीसदी हैं। ऐसे में ओबीसी यूपी में सबसे बड़ा जाति समूह है। यह अकेले किसी को जिताने-हराने में सक्षम हैं। इसलिये हर दल गुणा-भाग के जरिये इन्हें अपने खेमे में रखना चाहता है। 2014 के लोकसभा चुनाव में 34 फीसदी ओबीसी मतदाताओं ने बीजेपी के पक्ष में वोट किया था।
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