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लखनऊ

शिक्षामित्रों की समस्याओं पर प्रियंका ने किया ट्वीट, कहा – शिक्षामित्रों की मेहनत का रोज अपमान होता है

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी प्रदेश में यात्राएं कर रही हैं, शिक्षामित्रो से मुलाकात कर भाजपा पर साधा निशाना कहा रोज हो रहा है शिक्षा मित्रो का अपमान

लखनऊMar 25, 2019 / 04:49 pm

आकांक्षा सिंह

lucknow

शिक्षामित्रों की समस्याओं पर प्रियंका ने किया ट्वीट, कहा – शिक्षामित्रों की मेहनत का रोज अपमान होता है

लखनऊ. लोकसभा चुनाव (Loksabha Chunav 2019) के मद्देनजर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी प्रदेश में यात्राएं कर रही हैं। बोट यात्रा के बाद आज प्रियंका गांधी अयोध्या में हनुमानगढ़ी में मत्था टेकेंगी। यूपी में यात्राओं के दौरान प्रियंका गांधी वाड्रा कई वर्ग के लोगों से मिलीं। इस दौरान उन्होंने शिक्षामित्रों से भी मुलाकात की। जिसके बाद उन्होंने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी के नेता शिक्षा मित्रों की समस्या नहीं सुन रहे हैं बल्कि ‘टी शर्ट की मार्केटिंग’ करने में बिजी हैं। प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया कि उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों की मेहनत का रोज अपमान होता है, सैकड़ों पीड़ितों नें आत्महत्या कर डाली। जो सड़कों पर उतरे सरकार ने उनपर लाठियाँ चलाई, रासुका दर्ज किया। भाजपा के नेता टीशर्टों की मार्केटिंग में व्यस्त हैं, काश वे अपना ध्यान दर्दमंदों की ओर भी डालते।

 

https://twitter.com/hashtag/Sanchibaat?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw

इसके बाद उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा कि मैं लखनऊ में कुछ अनुदेशकों से मिली। उप्र के मुख्यमंत्री ने उनका मानदेय रु 8470 से रु 17,000 की घोषणा की थी। मगर आजतक अनुदेशकों को मात्र 8470 ही मिलता है। सरकार के झूठे प्रचार का शोर है, लेकिन अनुदेशकों की अवाज गुम हो गई

 

https://twitter.com/hashtag/Sanchibaat?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw

क्या है पूरा मामला

साल 2015 में, उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में लगभग दो लाख संविदा शिक्षकों को झटका लगा जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ‘शिक्षा मित्र’ को नियमित करने और उन्हें सहायक अध्यापक नियुक्त करने के राज्य सरकार के कदम को अवैध घोषित कर दिया था। राज्य में बसपा सरकार के दौरान ‘शिक्षा मित्र’ नियुक्त किए गए थे और दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से प्राथमिक शिक्षकों के लिए दो साल का बुनियादी प्रशिक्षण पाठ्यक्रम (बीटीसी) दिया गया था। साल 2012 में, नव-निर्वाचित समाजवादी पार्टी सरकार ने संशोधन लाकर ‘शिक्षा मित्र’ को नियमित करने के लोकलुभावन उपाय की शुरुआत की। उत्तर प्रदेश में 1.73 लाख से अधिक ‘शिक्षा मित्र’ हैं जो प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाते हैं। साल 2014 में राज्य सरकार ने उनकी नौकरियों को नियमित किया गया। साल 2017 में, सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षा मित्रों की नियुक्ति रद्द कर दी थी। कोर्ट ने कहा था कि शिक्षा मित्रों के संविदा पदों को सरकारी नौकरियों में बदला नहीं किया जाएगा जब तक कि वे टीईटी को पास नहीं करते। इस फैसले के बाद संविदा शिक्षकों का वेतन 38,848 रुपये से घटकर 3,500 रुपये हो गया। हालांकि, योगी आदित्यनाथ सरकार ने संविदा शिक्षकों का वेतन 3,500 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया।

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