यूपी सिडको के एमडी जगदीश प्रसाद चौरसिया ने बताया कि मई 2017 में कर्मचारियों के पीएफ का कुछ हिस्सा पूरी प्रक्रिया के तहत दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) में निवेश किया गया था। उन्होंने कहा कि जिस वक्त सिडको कर्मचारियों का पैसा डीएचएफएल में निवेश किया गया था, कंपनी के रिटर्न की दर काफी अच्छी थी। इसके चलते ही रकम लगाने का फैसला किया गया। यह अलग बात है कि कंपनी अब विवाद में है। हम कोशिश कर रहे हैं कि कर्मचारियों की फंसी रकम वापस आ जाए। वहीं, उप्र राज्य निगम कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष मनोज कुमार मिश्र ने कहा कि यूपी सिडको के कर्मचारी रकम फंसने से परेशान हैं। सरकार को उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, जिन्होंने डीएचएफएल जैसी कंपनियों के पक्ष में पॉजिटिव रेटिंग दी थी।