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लखनऊ

राजा भइया के ‘रामावतार’ से राज्यसभा चुनाव में जीता था बीजेपी का 9वां उम्मीदवार

बीजेपी से हाल ही में चुने गए राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल बोले- राजा भइया मेरे लिए रामावतार

लखनऊMar 28, 2018 / 11:56 am

Prashant Srivastava

raja bhaiya
लखनऊ. हाल ही में चुने गए बीजेपी से राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल ने राजा भइया को रामावतार बताया है। उन्होंने अपनी जीत का श्रेय राजा भइया को भी दिया है। दरअसल हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव में बीजेपी ने यूपी से दस में से नौ सीटों पर जीत दर्ज की थी। आखिरी सीट की लड़ाई में बीजेपी के अनिल अग्रवाल ने बसपा के भीम राव अंबेडकर को हराया था। अनिल अग्रवाल के मुताबिक, राजा भइया एक पवित्र हिंदु हैं जिनके घर का नाम भी रामायण है। इसी कारण उन्हें वह रामावतार की तरह मानते हैं।
जीत में राजा भइया की थी अहम भूमिका

बता दें कि एक उम्मीदवार को 37 वोटों की जरूरत थी। अनिल अग्रवाल को निषाद पार्टी के विजय मिश्रा, निर्दलीय अमनमणि त्रिपाठी, सपा के बागी नितिन अग्रवाल और बीएसपी के अनिल सिंह का वोट मिला।इनके अलावा रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के करीबी विनोद सरोज और एक निर्दलीय के वोट भी अनिल अग्रवाल को मिले। इस तरह अग्रवाल को बीजेपी के 14, अपना दल के 9, सुहेलदेव पार्टी के 4, निषाद पार्टी का 1, निर्दलीय 2 और 2 अन्य समेत कुल 32 वोट मिले।
ऐसे पलटी बाजी

वहीं, दूसरी तरफ बीएसपी के उम्मीदवार भीमराव अंबेडकर भी 37 वोटों के जादुई आंकड़ें से दूर हो गए जिसके चलते दूसरी प्राथमिकता के वोट यहां काफी अहम हो गए. करीब सवा तीन सौ विधायकों वाले बीजेपी गठबंधन की तरफ से अनिल अग्रवाल को दूसरी वरीयता में एक तरफा वोटिंग की गई और वो 300 से ज्यादा वोट पाकर जीतने में कामयाब रहे। पहली प्राथमिकता में अनिल अग्रवाल को 16 वोट मिले, जबकि भीमराव अंबेडकर को 32 वोट मिले। वहीं, दूसरी प्राथिमिकता में अनिल अग्रवाल को 30 से ज्यादा वोट मिले, जबकि भीमराव अंबेडकर को महज 1 वोट मिला क्योंकि दोनों उम्मीदवार के वोट 37 के जरूरी आंकड़े से कम थे, इसलिए दूसरी प्राथमिकता के वोटों से जीत का फैसला हुआ। सूत्रों के मुताबिक, वोटिंग के दौरान राजा भइया ने पहली प्राथमिकता तो जया बच्चन को दी थी लेकिन दूसरी प्राथमिकता अनिल अग्रवाल को दी।
पहले सुमिश्चित लग रही थी बीएसपी की जीत

राज्यसभा चुनाव से पहले बसपा उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित नजर आ रही थी. उन्हें बीएसपी के 19, सपा के 10, कांग्रेस के 7, राजा भैया 1, आरएलडी 1 और निर्दलीय विनोद सरोज 1 समेत कुल 39 विधायकों का समर्थन हासिल नजर आ रहा था लेकिन बसपा के मुख्तार अंसारी को जेल से वोट डालने की इजाजत नहीं मिली। इसके बाद बीएसपी विधायक अनिल सिंह वोटिंग से एक दिन पहले बीजेपी विधायकों की मीटिंग में पहुंच गए और उन्होंने खुलेआम बीजेपी उम्मीदवार को समर्थन देने का ऐलान कर दिया। यानी सपा के नितिन अग्रवाल और बीएसपी के अनिल सिंह ने क्रॉस वोटिंग की।
हरिओम यादव भी नहीं डाल पाए वोट

वहीं, जेल में बंद सपा विधायक हरिओम यादव को भी वोट करने की इजाजत नहीं मिली। बताया जा रहा है कि इंद्रजीत सरोज भी मतदान आते-आते अंबेडकर से दूर हो गए.इसके अलावा राजा भैया के तेवर ने भी बसपा उम्मीदवार की हार को और पुख्ता कर दिया। राजा भैया ने साफ कह दिया कि उनका समर्थन सपा के साथ है, लेकिन उन्होंने अपनी विचारधारा से समझौता नहीं किया है। इस हिसाब से बीएसपी की ताकत मतदान से पहले ही 33 वोटों तक सिमट गई और दूसरी प्राथमिकता के गणित से बीजेपी के अनिल अग्रवाल राज्यसभा पहुंचने में कामयाब रहे। सपा अध्यक्ष व पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने राजा भइया के साथ ट्वीटर पर फोटो भी साझा की थी जो कि बाद में हटा दी।
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