इन वोटों पर है खास पकड़
यूपी में वैसे तो क्षत्रिय वोट लगभग छह प्रतिशत ही हैं। इन वोटों पर राजा भैया की काफी पकड़ है। वहीं क्षत्रिय लोग जहां भी या जिस क्षेत्र में हैं, उस क्षेत्र में उनका खासा प्रभाव है। यह अपने वोटों के अलावा दूसरी जातियों के वोटों पर भी अपनी पकड़ बनाए हुंए हैं। ऐसे में क्षत्रियों का वोट इस बार भाजपा को जाना तय माना जा रहा है। इस वोटों को भाजपा अपने पक्ष में लाने के जहां राजा भैया का सहारा ले सकती है तो वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ भी क्षत्रिय बिरादरी से आते हैं, उनका भी इस बिरादरी के वोटों पर काफी प्रभाव है।
इसलिए हैं लोकप्रिय
राजा भैया अपने बिरादरी में ही नहीं बल्कि अन्य बिरादरियों में भी काफी लोकप्रिय हैं। वे कुंडा से लगातार कई बार से निर्दल ही जीतते आ रहे हैं। राजा भैया केवल कुंडा तक ही सीमित नहीं है। फैजाबाद की कई विधानसभा सीटें, बलरामपुर, गोंडा आदि जिलों की कई विधानसभा सीटों पर अच्छी खासी पकड़ मानी जाती है। ऐसे में इस बार भाजपा क्षत्रिय वोटों के लिए राजा भैया का सहारा लेगी इसमें कोई दो राय नहीं है।
राजा की भी है मजबूरी
राजा भैया और मायावती के बीच छत्तीस का आंकड़ा है यह किसी से छिपा नहीं है। मायावती ने अपनी सरकार के समय राजा भैया पर शिकंजा कसा था और उनके और उनके पिता को जेल जाना पड़ा था। अब जबकि सपा और बसपा का गठबंधन हो गया है तो यह निश्वित है कि राजा भैया अखिलेश के चाहे जितने भी करीबी हों, वे सपा-बसपा गठबंधन का साथ नहीं देंगे। जहां मायावती होंगी वहां राजा भैया का होना मुश्किल ही नहीं असंभव है। ऐसे में राजा भैया भाजपा के साथ जाएंगे यह कहना गलत नहीं होगा।