2050 में से 1950 पद थानों के लिए सृजित गृह सचिव भगवान स्वरूप की तरफ से जारी शासनादेश के मुताबिक 2050 में से 1950 पद थानों के लिए सृजित किए गए हैं। 1950 पदों में से 75 पद इंस्पेक्टर, 675 पद हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल सिविल पुलिस के लिए, 375 पद सिविल पुलिस के लिए और 150 पद और हेड कांस्टेबल (कंसोल ऑपरेटर) के लिए हैं। वहीं 100 पद थानों के पर्यवेक्षण, कंट्रोल व स्टाफ रूम के लिए सृजित किए गए हैं। इनमें से एक पद इंस्पेक्टर, दो पद एसआई सिविल पुलिस, 27 पद हेड कांस्टेबल सिविल पुलिस , 29 पद हेड कांस्टेबल कंसोल ऑपरेटर और 41 पद कांस्टेबल के हैं।
हर थाने में तैनात होंगे 28 कर्मचारी हर थाने में 28 कर्मचारी तैनात होंगे। इनमें से एक इंस्पेक्टर, 2 चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी, 5 एसआई, 9 कांस्टेबल और 11 हेड कांस्टेबल शामिल होंगे। इन कर्मचारियों के पास वही पॉवर होगी जो पुलिस ऑफिसर के पास होती है लेकिन ये कर्मचारी इलेक्ट्रिसिटी एक्ट के अंतर्गत बिजली चोरी से जुड़े मामलों को ही देखेंगे।
समस्या होगी हल अभी तक बिजली विभाग के सामने यह बड़ी समस्या थी कि छापेमारी के दौरान उन्हें पुलिस फोर्स नहीं मिलती थी। बाद में मुकदमा लिखने में भी पुलिस शिथिल रहती थी। ऐसे में योगी सरकार ने बिजली चोरी रोकने के लिए यह बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत बिजली चोरी से जुड़ी सभी शिकायतें इन थानों में होंगी।
बिजली चोरी में शामिल छोटे कारखाने विद्युत वितरण निगम के एमडी संजय गोयल के मुताबिक बिजली चोरी में बहुत सारे छोटे कारखाने शामिल होते हैं। बिजली चोरी से पॉवर कंपनियों को रेवेन्यू लॉस तो होता ही है साथ ही इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई पर भी असर पड़ता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे ओवरलोडिंग का खतरा रहता है।