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लखनऊ

Health Issue: सर्दियां बढ़ा देती हैं ‘हेमरेजिक स्ट्रोक’ का खतरा,जानिए कैसे,रहिए सावधान

(Health Hemorrhagic Stroke) मौसम में जब ठंडक काफी बढ़ गई है। हमारे देश में कुछ स्थानों पर तापमान 0 डिग्री तक चला गया है। उन्होंने कहाकि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि जिन लोगों में इसकी चपेट में आने का खतरा अधिक है वो अपनी सेहत का खासतौर पर ध्यान रखें। अगर कभी चपेट में आ जाएं तो तुरंत उपचार कराए। देर करने से मस्तिष्क को पहुंची क्षति को ठीक नहीं किया जा सकता है।
 

लखनऊJan 27, 2022 / 03:16 pm

Ritesh Singh

Health Issue: सर्दियां बढ़ा देती हैं हेमरेजिक स्ट्रोक का खतरा,जानिए कैसे,रहिए सावधान

Health Issue: सर्दियां बढ़ा देती हैं हेमरेजिक स्ट्रोक का खतरा,जानिए कैसे,रहिए सावधान

लखनऊ ,(Health Hemorrhagic Stroke) स्ट्रोक एक वैश्विक स्वास्थ्य सेवा चुनौती है। हमारे देश में यह मृत्यु का चौथा और विकलांगता का पांचवां सबसे प्रमुख कारण है। न्युरोसर्जरन डॉ. मनीष वैश्य ने बतायाकि एपिडेमियोलॉजिकल स्टडीज़ के अनुसार हर साल प्रति एक लाख जनसंख्या पर स्ट्रोक के 105-152 मामले सामने आते हैं। भारत की विशाल जनसंख्या को देखते हुए। (Health Hemorrhagic Stroke) स्ट्रोक एक बहुत बड़ी स्वास्थ्य समस्या है। वैसे तो स्ट्रोक किसी भी मौसम में हो सकता है। लेकिन सर्दियों में इसके मामले अधिक देखे जाते हैं। इस मौसम में जब ठंडक काफी बढ़ गई है। हमारे देश में कुछ स्थानों पर तापमान 0 डिग्री तक चला गया है। उन्होंने कहाकि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि जिन लोगों में इसकी चपेट में आने का खतरा अधिक है वो अपनी सेहत का खासतौर पर ध्यान रखें। अगर कभी चपेट में आ जाएं तो तुरंत उपचार कराए। देर करने से मस्तिष्क को पहुंची क्षति को ठीक नहीं किया जा सकता है।
हेमरैजिक स्ट्रोक (Health Hemorrhagic Stroke)

मस्तिष्‍क की लाखों कोशिकाओं को जीवित रहने के लिए ऑक्सीजन और पोषण की जरूरत होती है। मस्‍तिष्‍क में ब्‍लड क्‍लॉट बनने या ब्‍लीडिंग होने से रक्‍त संचरण में रूकावट आना ब्रेन स्ट्रोक है। इसे ब्रेन अटैक या दिमागी दौरा भी कहते हैं। हेमरैजिक स्ट्रोक मस्‍तिष्‍क को रक्‍त पहुंचाने वाली नलिकाओं के फटने से होता है। इसका सबसे प्रमुख कारण उच्च रक्तदाब है। ब्रेन स्ट्रोक के कुल मामलों में से 13 प्रतिशत हेमरैजिक स्ट्रोक के होते हैं। हेमरैजिक स्ट्रोक में ब्लीडिंग या रक्तस्त्राव मस्तिष्क के अंदर, मस्तिष्क और उन भित्तियों के बीच जो उसे ढंकती हैं, मस्तिष्क को ढकने वाली भित्तियों के मध्य या खोपड़ी और मस्तिष्क को ढकने वाली भित्तियों के बीच हो सकता है। इसे ब्रेन ब्लीड या इंट्राक्रेनियल ब्लीड भी कहते हैं।
(Health Hemorrhagic Stroke) सर्दियों में क्यों बढ़ जाता है खतरा

गर्मियों और मानसून की तुलना में सर्दियों में हेमरैजिक स्ट्रोक के मामले अधिक सामने आते हैं। इसका सबसे प्रमुख कारण है मौसम से सामंजस्य बैठाने के लिए शरीर में होने वाले बदलाव। तापमान में कमी आने से रक्त को विभिन्न अंगों तक ले जाने वाली नलिकाएं थोड़ी संकुचित हो जाती हैं। उनका ल्युमेन गर्मियों में थोड़ा बढ़ जाता है और सर्दियों में यह कम हो जाता है। कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि सर्दियों (62.2 प्रतिशत) में हेमरैजिक स्ट्रोक के मामले गर्मियों (37.6 प्रतिशत) के मौसम से काफी अधिक होते हैं। उन क्षेत्रों में हेमरैजिक स्ट्रोक के मामले अधिक सामने आते हैं जहां बर्फबारी होती है। कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि औसतन एक दिन में तापमान में 5 डिग्री फेरेनहाइट की कमी स्ट्रोक के खतरे को 6 प्रतिशत तक बढ़ा देती है।

(Health Hemorrhagic Stroke) रिस्क फैक्टर्स

· चिकित्सीय स्थितियां जैसे उच्च रक्तदाब, कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर, डायबिटीज, हार्ट फेलियर।

· धुम्रपान और शराब का अत्यधिक सेवन।

· तापमान में अचानक होने वाला बदलाव।
· मोटापा।

· शारीरिक रूप से सक्रिय न रहना।

· गर्भ निरोधक गोलियों का सेवन।

· उम्र बढ़ना।

· पुरूष होना।

जिन लोगों में एक या अधिक रिस्क फैक्टर हैं उन्हें सर्दियों में अपना खास ख्याल रखना चाहिए।
इन लक्षणों से पहचानें (Health Hemorrhagic Stroke)

स्ट्रोक के शुरूआती लक्षणों में चेहरे पर सुन्नपन महसूस होना, बोलने में जबान लड़खड़ाना, सिरदर्द, बातचीत समझने में परेशानी होना, एक या दोनों आंखों से दिखाई न देना सम्मिलित हैं। अगर इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दें, तो पीड़ित को तुरंत अस्पताल ले जाएं। स्ट्रोक के मरीजों के लिए समय पर उपचार उपलब्ध कराना बहुत जरूरी है, जितनी जल्दी उपचार शुरू कर दिया जाए परिणाम उतने बेहतर मिलते हैं। युवा लोगों को अपने परिवार के बुजुर्ग लोगों की विशेष देखभाल करनी चाहिए और स्ट्रोक के लक्षणों पर नज़र रखनी चाहिए।

(Health Hemorrhagic Stroke) बचाव के उपाय

स्ट्रोक एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है लेकिन इसके अधिकतर रिस्क फैक्टर्स से बचा जा सकता है। स्ट्रोक की चपेट में आने से बचने के लिए आप निम्न कदम उठा सकते हैं।
· धुम्रपान बंद कर दें।

· पोषक और संतुलित भोजन का सेवन करें।

· जंक फूड्स के सेवन से बचें।

· लाल मांस और नमक का सेवन सीमित मात्रा में करें।
· तापमान में अचानक बदलाव के एक्सपोज़र से बचें।

· ठंड के मौसम में शीर को गर्म रखने के लिए ऊनी कपड़े पहनें।

· नियमित रूप से वर्कआउट करें।

· अपने रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखें।
· अगर आपको उच्च रक्तदाब की समस्या है तो नियमित रूप से दवाईयां लें, ताकि रक्तदाब नियंत्रित रहे।


(Health Hemorrhagic Stroke) उपचार

हेमरैजिक स्ट्रोक का उपचार इसपर निर्भर करता है कि रक्त स्त्राव मस्तिष्क में किस स्थान पर हुआ है, इसका कारण क्या है और रक्त स्त्राव कितनी मात्रा में हुआ है। सूजन को दूर करने और रक्त स्त्राव को रोकने के लिए सर्जरी करने की जरूरत पड़ सकती है। कुछ दवाईयां भी दी जाती हैं। जिनमें पेन किलर्स, कार्टिकोस्टेरॉयड्स, ऑस्मोटिक्स (सूजन कम करने के लिए) और एंटी-कन्वल्सेंट (दौरों को नियंत्रित करने के लिए) सम्मिलित हैं।

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