उत्तर प्रदेश में काफी समय से वाहन चालकों को लेमिनेटेड कागजी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट दिया जा रहा है। जिससे अब वाहन चालक कागजी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट को लेकर परेशान हैं। वाहन चालक आज के दौर में डिजिटल का जमाना देककर स्मार्ट कार्ड के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के इन्तजार में है। रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट का स्मार्ट कार्ड में बदल जाने से लोगों की समस्याएं दूर हो सकती हैं लेकिन RTO विभाग इस डिजिटल युग में रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट को कागज से स्मार्ट कार्ड में बदलने के विषय पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। इससे लोगों को शायद यही लगता है कि RTO विभाग अपनी कंजूसी दिखाते हुए डिजिटल युग को बढ़ावा नहीं देना चाहता है।
पूरी फीस लेता है RTO विभाग
जबकि RTO विभाग वाहन चालकों रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की पूरी फीस बसूलता है तो विभाग को डिजिटल युग को देखते हुए वाहन चालकों पूर्ण सुविधाएं देनी चाहिए। लेकिन RTO विभाग वाहन चालकों को सुविधाएं देने की वजह कंजूसी दिखा रहा है। अगर ये सुविधाएं उत्तर प्रदेश के सभी वाहन चालकों को मिल जाएं। तो सभी वाहन चालकों की समस्याएं दूर हों जाएंगी।
भारत के सभी राज्यों में केवल उत्तर प्रदेश एक ऐसा राज्य है जहां RTO विभाग ने अभी तक वाहन चालकों को स्मार्ट कार्ड RC की सुविधाएं प्राप्त नहीं हैं। आज के समय में डिजिटल युग को देखते हुए उत्तर प्रदेश के सभी वाहन चालक स्मार्ट कार्ड RC का इन्तजार कर रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में स्मार्ट कार्ड RC की सुविधाएं कब मिलेंगी। इन सुविधाओं का इन्तजार करते-करते उत्तर प्रदेश के जनता ऊब चुकी है।