साथ ही हर साल 5 दिन की एजुकेशनल लीव भी मिलेगी। इस आदेश को लेकर एक अधिसूचना जारी करके सभी मेडिकल कॉलेजों और यूनिवर्सिटी को भेज दी गई है। साथ ही उन्हें नए नियमों का सख्ती से पालन करने का निर्देश भी दिया गया है।
…तो इसलिए लिया गया फैसला
सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) की बैठक में यह फैसला भी लिया गया कि अब मेडिकल स्टूडेंट्स को अपने कोर्स के दौरान 3 महीने जिला अस्पताल में बिताने होंगे। PG कोर्स में दाखिले के लिए काउंसिलिंग अब सरकारी एजेंसियों द्वारा ऑनलाइन कराई जाएगी।
मेडिकल स्टूडेंट्स को ऐसे करना होगा काम मेडिकल स्टूडेंट्स को अब फुल टाइम रेजिडेंट डॉक्टर के रूप में काम करना होगा। स्टूडेंट्स को एक दिन में आराम के लिए पर्याप्त समय भी दिया जाएगा। NMC के पोस्ट-ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. विजय ओझा के अनुसार, नए फैसलों से मेडिकल स्टूडेंट्स का तनाव कम होगा। उन्हें आराम करने का समय मिलेगा, ताकि वे अगले दिन नई एनर्जी से काम कर पाएं।
नेशनल एग्जिट टेस्ट लागू किया जाएगा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बैठक में फैसला लिया गया कि अगर कोई मेडिकल स्टूडेंट स्वीकृत दिनों से अधिक दिनों की छुट्टी लेता है तो उसका ट्रेनिंग पीरियड उतने ही दिन बढ़ जाएगा, यानी उसे उतने दिन की ट्रेनिंग और लेनी पड़ेगी। 80 प्रतिशत अटेंडेंस होने पर ही मेडिकल स्टूडेंट एग्जाम दे पाएंगे।
PG के लिए खत्म होगी NEET की अनिवार्यता? कॉलेजों के लिए अनिवार्य है कि वे मेडिकल स्टूडेंट्स को हॉस्टल की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध कराएं, लेकिन मडिकल स्टूडेंट हॉस्टल में रहे, यह अनिवार्य नहीं है। एक और बड़ा फैसला बैठक में यह लिया गया कि PG कोर्स में दाखिले के लिए NEET क्रैक करने की अनिवार्यता खत्म की जाएगी, लेकिन यह नियम तब तक लागू रहेगा, जब तक प्रस्तावित नेशनल एग्जिट टेस्ट (NExT) लागू नहीं हो जाता।