2016 में सपा के समर्थन से कपिल सिब्बल गए थे राज्यसभा कपिल सिब्बल झारखंड मुक्ति मोर्चा या फिर समाजवादी पार्टी के समर्थन से झारखंड या यूपी से संसद के ऊपरी सदन के लिए फिर से चुने जा सकते हैं। 2016 में वह तत्कालीन सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी द्वारा समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में यूपी से राज्यसभा के लिए चुने गए थे। लेकिन अब कांग्रेस के पास राज्य विधानसभा के लिए केवल दो विधायक हैं। वहूीं, झारखंड में कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार की स्थिति बेहतर है। पार्टी सत्तारूढ़ गठबंधन में है।
अधिसूचना जारी राज्यसभा चुनाव के लिए मंगलवार को अधिसूचना जारी हो गयी। नामांकन 31 मई तक दाखिल किए जा सकेंगे। एक जून को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 3 जून तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। 10 जून को सुबह 9 से शाम 4 बजे तक मतदान होगा और शाम 5 बजे से मतगणना होगी।
अभी किस दल के पास कितनी सीटें उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 11 सीटें खाली हो रही हैं। उनमें भाजपा के पास 5, सपा के पास 3, बसपा के पास 2 और कांग्रेस के पास एक है। गौरतलब है राज्यसभा की सौ सीट के कोटे में यूपी से 31 सांसद हैं। इनमें से 11 सदस्यों का कार्यकाल 4 जुलाई को समाप्त हो रहा है।
जीत के लिए 38 वोट चाहिए राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए करीब 38 वोट की जरूरत होती है। यानी 38 विधायकों के वोट पर एक राज्यसभा सांसद चुना जाएगा। मौजूदा विधानसभा में भाजपा के पास 273 विधायक है। इस तरह वह आसानी से सात सीटें जीत सकती है। जबकि सपा की तीन सीटों पर जीत तय हैं।
राज्यसभा के चुनाव में सबसे ज्यादा नुकसान में बसपा और कांग्रेस रहेंगी। यह दोनों दल पहली बार एक भी राज्यसभा उम्मीदवार जिताने की हैसियन में नहीं हैं। कांग्रेस के पास सिर्फ दो विधायक हैं। जबकि बसपा के पास सिर्फ एक सीट है।