निकाय चुनावों के परिणाम बताते हैं कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का बड़बोलापन भारी पड़ा। मतदाताओं ने पार्टी को नकार दिया। पारिवालिक कलह का असर भी नतीजों में साफ दिख रहा है। इटावा में शिवपाल समर्थक प्रत्याशी जीतने में सफल रहे हैं। अहमद हसन और आजम खान जैसे दिग्गज मुस्लिम नेताओं की अपील को भी मुस्लिम मतदाताओं ने नकार दिया और सपा से नाराज हो गए।
निकाय चुनावों में कांग्रेस पार्टी को करारी हाल मिली है। पार्टी अमेठी तक में भाजपा के हाथों बुरी तरह से पराजित हुई है। महापौर के चुनावों में उसके प्रत्याशी कहीं तीसरे तो कहीं चौथे स्थान पर रहे। नगर पालिका की 198 सीटों में से कांग्रेस को सिर्फ 06 सीटें ही मिली हैं। जबकि, सपा 20 सीटों पर कब्जा जमा सकी। इन दोनों दलों से बेहतर स्थिति में बसपा रही। मायावती के 42 प्रत्याशी जीतने में सफल रहे। इसी तरह नगर पंचायत की कुल 438 सीटों में बसपा 108 सीटें जीतकर दूसरे स्थान पर रही। सपा को 60 और कांग्रेस को सिर्फ 14 सीटों से संतोष करना पड़ा।
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