2022 में विधानसभा चुनाव (Vidhansabha Election) में सत्ता में वापसी के लिए संगठन को नए सिरे से गढ़ा जाएगा। ऐसे में चुनाव होने तक पार्टी जनसमस्याओं पर ज्यादा जोर देगी। गत चुनावों में बेहतर प्रदर्शन नहीं करने वालों को चिन्हित कर निष्क्रिय पदाधिकारियों के स्थान पर सक्रिय किया जाएगा। नए चेहरों में युवा वर्ग को भी वरीयता दी जाएगी ताकि ज्यादा से ज्यादा कम उम्र के लोग सपा से जुड़ सकें और संगठन को और मजबूत किया जा सके। उम्रदराज पदाधिकारियों को हटाकर 35 वर्ष की आयु तक के नेताओं को जगह मिलेगी।
दलितों को भी सपा से जोड़ने की तैयारी समाजवादी पार्टी फ्रंटल संगठन को भी नए सिरे से जोड़ेगी। बसपा से गठबंधन टूटने के बाद दलितों को सपा से जोड़ा जाएगा। उपचुनाव के परिणाम के बाद एसपी की भंग जिला और दूसरी कमिटियों का गठन किया जा सकता हैं। कमेटियों में सामान्य के साथ-साथ पिछड़े, अति पिछड़े और मुस्लिम वर्ग को तवज्जो दी जाएगी। इसके साथ ही सपा, बसपा के वोटबैंक में भी सेंध लगाएगी। अखिलेश यादव दलित वर्ग के खास लोगों को पार्टी में शामिल कर सकते हैं। संगठन में दलित समाज के उन लोगों को वरीयता मिलेगी, जिनकी अपने समाज में अच्छी पैठ हो। समाजवादी पार्टी उपचुनाव के परिणाम के बाद जल्द घोषित की जाने वाली समितियों में दलितों को ओहदा देगी।