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लखनऊ

उम्मीदों की बुनियाद पर सपाइयों के ख्वाबों की पताकाएं

जनता के बीच यह सन्देश देने की कोशिश की जा रही है कि अब उत्तर प्रदेश में सिर्फ अखिलेश यादव से ही उम्मीदें बची हैं।

लखनऊSep 23, 2017 / 02:18 pm

Laxmi Narayan

Samajwadi Party
लखनऊ. विधान सभा चुनाव में मिली करारी हार और पार्टी नेताओं के बीच चल रहे आपसी कलह के बीच समाजवादी पार्टी की उम्मीदें ज़िंदा हैं। उम्मीदें सिर्फ ज़िंदा नहीं है, बल्कि उम्मीदों की बुनियाद पर समाजवादी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता पार्टी को अखिलेश यादव के नेतृत्व में आगे ले जाना चाहते हैं। समाजवादी पार्टी के राज्य सम्मेलन के दौरान उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जगह-जगह लगे होर्डिंग्स और बैनर्स में जिस ‘ उम्मीद ‘ शब्द का उपयोग किया गया है, सियासी जानकार उसके अलग-अलग मायने निकाल रहे हैं।
प्रांतीय सम्मेलन में उम्मीद शब्द की होर्डिंग बहुत कुछ कहती दिखी

प्रांतीय सम्मेलन के लिए राजधानी लखनऊ के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरह की होर्डिंग्स लगाईं गईं हैं। इन होर्डिंग्स में से दो होर्डिंग ऐसी हैं जो लोगों का खासा ध्यान खींच रही हैं। एक होर्डिंग हैं अखिलेश यादव की, जिसमें उनकी तस्वीर के साथ ‘उम्मीद’ लिखा है। उम्मीद के साथ लिखा है -‘तेरा बस एक ही नाम।’ इसके नीचे कुछ और छोटे अक्षरों में लिखा है -‘और जन-जन की उम्मीद श्री अखिलेश यादव को लाखों सलाम।’ दूसरी होर्डिंग हैं मुलायम सिंह यादव की, जिसमें सिर्फ उनकी तस्वीर लगी है और इस पर साइकिल का सिंबल बना है। मुलायम सिंह की ये होर्डिंग्स अखिलेश समर्थक नेताओं ने लगवाई हैं। इनमें से एक होर्डिंग पर लिखा है -‘लाख हलचलें धरती पे हों, सर से आसमान नहीं हटता।’ इसके नीचे लिखा है -‘परम आदरणीय श्री मुलायम सिंह यादव जी की छात्र छाया में संपन्न होते 8वें राज्य अधिवेशन में आप सभी समाजवादियों का हार्दिक स्वागत है।’
किसी को नेताजी के मानने की उम्मीद, किसी को सिर्फ अखिलेश से उम्मीद

जानकार इन होर्डिंग्स के सियासी मायने अपने-अपने तरीके से निकाल रहे हैं। अखिलेश यादव की होर्डिंग के बारे में माना जा रहा है कि इस होर्डिंग से जनता के बीच यह सन्देश देने की कोशिश की जा रही है कि अब उत्तर प्रदेश में सिर्फ अखिलेश यादव से ही उम्मीदें बची हैं। इस होर्डिंग का सन्देश यह भी माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता अब सिर्फ अखिलेश यादव के भरोसे आगे बढ़ना चाहते हैं और उनका चेहरा ही उनके लिए उम्मीद की किरण है। दूसरी ओर मुलायम सिंह यादव की होर्डिंग्स के माध्यम से यह उम्मीद जताई जा रही है कि पार्टी को अभी भी अपने संरक्षक और नेताजी के पार्टी में लौट आने का भरोसा है।

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