दूसरा कोई भी दल नहीं रखता शिया मुसलमानों का ख्याल
बुक्कल नवाब ने बताया है कि बीजेपी को छोड़कर दूसरा कोई भी दल शिया मुसलमानों के हितों का ख्याल नहीं रखता है। इस लिहाज से इस बार भी लोकसभा चुनाव 2019 में यह कौम भाजपा और मोदी का पूरा साथ देगी। भाजपा का सहयोग करने की वजह के बारे में पूंछे जाने पर नवाब ने जवाब दिया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की कोशिशों की वजह से ही लखनऊ में शिया मुसलमानों के जुलूस पर लगा 20 साल पुराना प्रतिबंध खत्म किया गया था। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी ने ही केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, प्रदेश के राज्यमंत्री मोहसिन रजा, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ग़यूरुल हसन, उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष हैदर अब्बास जैसे शिया मुसलमानों को अहम ओहदों पर बैठाया है।
सपा, बसपा सरकार में शिया मुसलमानों को किया गया था प्रताड़ित
नवाब ने आरोप लगाया है कि प्रदेश की पूर्ववर्ती सपा और बसपा सरकारों ने शिया मुसलमानों को प्रताड़ित किया गया था। बसपा प्रमुख मायावती के राज में खुद उन्हें जेल में डाला दिया गया था। वहीं, सपा के शासनकाल में उसके नेता आजम खां ने शिया समुदाय को सताने की हर मुमकिन कोशिश की थी। बाकी सियासी पार्टियों के रवैये को देखते हुए शिया समुदाय ने इस बार भाजपा का साथ देकर उसकी जीत सुनिश्चित करने का ऐलान किया है। 2016 में गठित हुए अपने संगठन का शॉर्ट में आरएसएस नाम रखे जाने की वजह पूंछने पर बुक्कल नवाब ने कहा कि यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का ही एक अवतार है।
बुक्कल नवाब और उनके साथियों का है निजी फैसला
इस बीच, ऑल इण्डिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने अगले लोकसभा चुनाव में शिया मुसलमानों द्वारा बीजेपी का साथ दिए जाने के बुक्कल नवाब के बयान पर कहा कि वह अभी इस बारे में कुछ नहीं कहना चाहते हैं। यह एक संवेदनशील मामला है वह उलेमा से राय लेकर ही इस बारे में कुछ कह सकते हैं। वहीं शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि बुक्कल नवाब और उनके साथियों ने जो फैसला लिया है, वह उनकी अपनी निजी राय है। बाकी शिया समाज ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में किसी दल को समर्थन देने का अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि उलेमा के साथ बैठक करके सलाह-मशविरे के बाद ही इस बारे में कोई निर्णय लेने का फैसला किया जाएगा।