कुछ दोस्तों द्वारा शुरू किए गए इस ग्रुप की पहल पर साल 2015 में पहली बार शिया-सुन्नी समुदाय ने एक साथ नमाज अदा की थी। इस बारे में मौलाना कल्वे सादिक ने कहा कि यह बहुत ही अच्छी पहल है। शिया और सुन्नियों की इबादत और उसके तरीके तकरीबन एक जैसे ही हैं। दोनों में सिर्फ बकरीद उल फितर और ईद-उल-अज्हा की नमाज के तरीके कुछ अलग हैं। वहीं मौलाना सैफ अब्बास ने भी युवाओं की इस पहल का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि जब लोगों को आपस में लड़ाकर कमजोर किया जा रहा है, ऐसे माहौल में इस तरह की पहल का स्वागत होना चाहिए। सुन्नी व शिया समुदाय मिलकर नमाज अता किया करेंगे। इससे भाईचारे की भावना मजबूत होगी।
राज्यपाल पहुंचे ईदगाह बकरीद के मौके पर बुधवार को ऐशबाग के ऐतिहासिक ईदगाह राज्यपाल राम नाईक पहुंचे। यहां पर उन्होंने प्रदेश वासियों को बकरीद की मुबारकबाद दी। साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी को भी किया याद।ज्यपाल ने अपने बधाई संदेश में कहा है कि ईद-उल-अजहा का पर्व कुर्बानी का पर्व है जो गरीबों व जरूरतमंदों की सहायता के लिए प्रेरित करता है।विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने ईद-उल-अजहा की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ईद-ए-कुर्बा का मतलब है बलिदान की भावना। इस दिन को आपसी सौहार्द, भाईचारे और हर्षोल्लास से मनाना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी प्रदेशवासियों को इस त्योहार की बधाई देते हुए कहा कि यह पर्व लोगों में समरसता बढ़ाता है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर, रालोद प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद अहमद ने बकरीद के मौके पर आपसी भाईचारा और सद्भाव बढ़ाने की कामना की।