श्राद्ध कर्म में रविवार को रविन्द्र सिंह, अमरेन्द्र सिंह, शिव कुमार यादव, राम सिंह, राज किशोर, भरत लाल यादव, प्रमोद मणि त्रिपाठी, विनीता, प्रतिभा, सुनीता, सुमन, सीमा ने भाग लिया। उमा देवी ने बताया कि प्रदेश में एक लाख 72 हजार शिक्षा मित्र हैं जिनकी लगातार उपेक्षा हो रही है। अब तक प्रदेश भर में 806 शिक्षा मित्रों का निधन हो चुका है इसलिए उन्होंने रविवार को 806 मृत शिक्षा मित्रों के लिए खासतौर से तर्पण कर्म किया।
उन्होंने कहाकि इस मौके पर हाल में मृत्यु को प्राप्त हुईं बीकेटी की अर्चना यादव और और गोसाईंगज निवासी राजकिशोर यादव की आत्मा की शान्ति के लिए भी तर्पण किया गया। दूसरी ओर सरकारी नीतियों के विरोध में रायबरेली के रविन्द्र सिंह ने मुंडन करवाया। उमादेवी ने बताया कि चूंकि 25 जुलाई को शिक्षा मित्रों ने सामूहिक मुंडन करवाया था। इसलिए उसी तिथि का पालन करते हुए पितृपक्ष में रविवार को श्राद्धकर्म करवाया गया। दरअसल 25 जुलाई 2017 को ही समायोजन रद्द किया गया था।
प्रदेश अध्यक्ष उमा देवी ने बतायाकि प्रदर्शनकारियों की मांग है कि आईटीई ऐक्ट 2009 के तहत 124,000 पैरा टीचर को अपग्रेड करते हुए शिक्षा अधिकार अधिनियम कानून के तहत पूर्ण शिक्षक का दर्जा एवं उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा नियमावली के अनुसार पूर्णशिक्षक का वेतनमान दिया जाये। जो शिक्षा मित्र आरटीई ऐक्ट 2009 में किसी विधिक पहलू के कारण नहीं समाहित हो सकते हैं उन्हें भारत के राजपत्र 2017 के अनुसार सहायक अध्यापक पद पर रखते हुए चार वर्ष में उत्तराखंड की तर्ज पर टेट उत्तीर्ण करने की छूट प्रदान की जाये।