शिवपाल यादव ने अपने ट्विटर अकाउंट में किया बदलाव- सपा संरक्षक जहां उक्त कोशिशों में लगे हैं तो वहीं शिवपाल अपने मंसूबे साफ कर चुके हैं। सेक्युलर मोर्चे के ऐलान के बाद पूर्व में उनकी कार में लगे समाजवादी पार्टी के झंडे को उन्होंने हटा दिया। और आज सपा से अपना नाता तोड़ने की पहल में उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट की फॉलोइंग लिस्ट में पूर्व में शामिल अखिलेश यादव व सपा को unfollow करते हुए लिस्ट से बाहर कर दिया। यहीं नहीं उन्होंने अपनी प्रोफाइल में खुद को समाजवादी पार्टी का नेता नहीं बल्कि अब नवनिर्मित समाजवादी सेक्युलर मोर्चे का नेता घोषित कर दिया है। इसके बाद वे आज अपने भाई नेताजी मुलायम सिंह यादव के बुलावे पर उनके आवास पहुंचे।
हुई बात, लेकिन.. अंत में मुलायम सिंह यादव के आवास पर शिवपाल की उनसे मुुलाकात हुई। बताया यह भी जा रहा था कि आजम खां व कुछ और अन्य वरिष्ठ नेता वहां मौजूद होंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। सिर्फ मुलायम और शिवपाल में ही मुलाकात हुई। मुलायम ने इस दौरान पार्टी में एक साथ रहने की शिवपाल से बात कही। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने समाजवादी कुनबे में सुलह का प्रस्ताव रखा। लेकिन सपा में कोई अहम पद न मिलने, आगे भी इसकी कोई गुजाइंश न देखते हुए व लगातार पार्टी में उपेक्षित होने की स्थिति को देखते हुए, शिवपाल यादव ने मुलायम के प्रस्ताव को नहीं माना और सेक्युलर मोर्चे को आगे बढ़ाने की बात कही। उन्होंने मुलायम को भी उसमें शामिल होने की बात कही। अंत में मुलायम की सुलह की यह कोशिश नाकाम साबित हुई और इसी के साथ ही अब आगामी 2019 चुनाव की राह भी मुश्किल दिखने लगी है।