प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव फिरोजाबाद अपनी पार्टी से उम्मीदवार हैं। जबकि समाजवादी पार्टी के महासचिव और पार्टी में नंबर दो की हैसियत रखने वाले रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय प्रताप सिंह दोबारा सपा से प्रत्याशी हैं। वह यहां से सपा से सांसद भी हैं। उन्हें शिवपाल कड़ी टक्कर दे रहे हैं। दरअसल, समाजवादी पार्टी पर वर्चस्व की लड़ाई में रामगोपाल खुलकर अखिलेश यादव के साथ थे। जबकि, मुलायम के संग शिवपाल थे। बाद में पार्टी वर्चस्व की लड़ाई में शिवपाल अकेले पड़ गए। तब रामगोपाल और शिवपाल ने एक दूसरे के प्रति खूब जहर उगले थे। इसी के बाद शिवपाल रामगोपाल के दुश्मन नंबर वन बन गए। यही वजह है कि वह मुलायम परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ अपने प्रत्याशी नहीं उतारे हैं। लेकिन, अपने चचेरे बड़े भाई रामगोपाल से राजनीतिक बदला लेने के लिए उनके बेटे अक्षय के खिलाफ जंग में हैं।
रामपुर में भी कमोबेश इसी तरह की राजनीतिक जंग है। जो अब सियासी रंजिश में तब्दील हो गयी है। यहां भाजपा से अभिनेत्री जया प्रदा उम्मीदवार हैं। उनके मुकाबले में सपा से आजम खान मैदान में हैं। कभी जयाप्रदा रामपुर से सपा सांसद हुआ करती थीं। तब उन्हें जिताने की जिम्मेदारी आजम पर ही होती थी। लेकिन कल के दोस्त आज दुश्मन हैं। इसीलिए रामपुर की लड़ाई भाजपा बनाम महागठबंधन से ज्यादा आजम खान बनाम जया प्रदा हो गयी है। 2004 में आजम ने जया प्रदा को अपनी बहन बताया था तो जया प्रदा ने उन्हें अपना बड़ा भाई करार दिया था। बाद में आजम और जया प्रदा के संबंध खराब हो गए।