श्रद्धा मामले में मनोचिकित्सक अंजलि श्रीवास्तव का मानना है कि अगर आपको पता है कि आपका कोई दोस्त परेशानी में है। उसका मोरल डाउन है तो उसका साथ देना बहुत जरूरी है। उससे रोज बातें करें और उसकी मनोदशा को समझते रहें।
अंजलि की मानें श्रद्धा आफताब के बीच झगड़े, मारपीट जैसी बातें सबको पता थी। ऐसे में श्रद्धा से 6 महीने तक दोस्तों ने दूरी क्यों बनाई? श्रद्धा के मर्डर के बाद अगर किसी दोस्त ने मई 2022 में ही उससे कांटेक्ट करने या फिर उसके पिता को उसकी जानकारी दी होती तो आफताब का राज पहले ही खुल सकता था और केस में कई सुराग मिल चुके होते।
आपको बता दें कि उत्तराखंड के ऋषिकेश में वनंत्रा रिजॉर्ट में अक्टूबर में रिसेप्शनिस्ट अंकिता का मर्डर रिजॉर्ट के मालिक ने कर दिया था। इस केस में मालिक ने पुलिस में उसकी गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी। मगर अंकिता के एक करीबी दोस्त जिसकी बातें उससे रोज होती थी उसने सामने आकर कई ऐसी बातें बताई जिससे हत्या का आरोपी पकड़ा गया।
श्रद्धा ने 2020 में कहा था आफताब कर देगा उसके टुकड़े
श्रद्धा मर्डर केस में खुलासा हुआ है कि श्रद्धा अपने दोस्त के साथ नवंबर 2020 पुलिस स्टेशन गई थी जहां उसने आफताब के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत में श्रद्धा ने लिखा था कि आफताब उसका गला दबाकर उसको मार डालेगा और उसके टुकड़े-टुकड़े करके फेंक देगा। अब ऐसे हालात में श्रद्धा को उसके परिवार और दोस्तों द्वारा यूं अकेला छोड़ देना उसके लिए घातक साबित हो गया।