आश्रम के संस्थापक गुरुदेव पंडित हरिशंकर मिश्रा जी द्वारा भगवान श्री कृष्ण जी को दूध, दही, घी, शहद एवम गंगा जल से स्नान कराया गया. उसके बाद भगवान श्री कृष्ण जी का श्रंगार किया गया उसके बाद आरती हुई फिर प्रसाद वितरित किया गया।
पूज्य गुरु पडित ह्री शँकर मिश्र जी ने भगवान की बाल लीलाओ पर प्रकाश डालते हुए भगवान श्री कृष्ण जी द्वारा संसार को दिए गए गीता के उपदेश के बारे में भक्तो को बताया जो आज के जीवन में पुरे विश्व के लिए प्रासंगिक है। पूज्य गुरुदेव श्री हरीशंकर मिस्र जी ने भगवानश्री कृष्ण जी की लीलाओं के विषय मे बताते हुए कहा कि भगवान को जब अपनी सामर्थ दिखाना था तो एक उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठा लिया । एक उंगली से चक्र सुदर्शन चलाकर दुष्टो का नाश कर दिया लेकिन जब प्रेम की बात आयीं तो मुरली को दोनो हाथो से थामा और संसार को प्रेम का सन्देश दिया।
आश्रम में श्री कृष्ण जी का बरहा बहुत ही धूम धाम से मनाया गया भक्तो को फल एवम् माखन मिश्री का प्रसाद वितरित किया गया।सभी भक्तो ने भगवान श्री कृष्ण जी के बरहा के अवसर पर भजन कीर्तन किया जो देर रात तक चलता रहा।गुरु जी ने सभी भक्तो को भगवान श्री कृष्ण जी के बरहा के शुभ अवसर पर बधाई के रूप में सभी भक्तो को आशीर्वाद स्वरुप भगवान श्री कृष्ण जी की प्रतिमा छपे रूपये दिए।तथा सबकि मंगलकामना के लिए भगवान से विनती की।
आज विघ्नहर्ता प्रथम देव भगवान श्री गणेश जी का प्राकट्योत्सव
गणेश चतुर्थी के उपलक्ष में भगवान गणेश जी की वंदना की गई तथा खास देशी घी के लड्डू प्रसाद वितरित किया गया
भगवान हनुमान जी के भजन के साथ कीर्तन का कार्यक्रम समाप्त हुआ।गुरु जी ने शभी भक्तो को शुभ आशीष दिया।