दाल में मिला के खिलाई 90 गोलियां सिरफिरे सरफराज ने पहले तो दाल में 90 नशे की गोलियां मिलाकर परिवार वालों को खिलाई और जब मां-बाप व छोटा भाई बेहोश हो गया तो बाकी से उनके सर को धड़ से अलग कर दिया। इसके बाद सरफराज ने अलग-अलग जगह पर शवों को फेंक दिया। सरफराज ने 6 जनवरी को इटावा थाने की माल रोड पर छोटे भाई शावेज का शब फेंदा। 8 जनवरी को पिता महमूद अली खान का मलिहाबाद में और 13 जनवरी को मां दरख्सा का शव माल में फेंक दिया।
एक साथ तीन शव मिलने से पुलिस विभाग में हडकंप एक साथ तीन जगह पर शवों के मिलने से पुलिस विभाग में हड़कंप मंच गया। शवों की शिनाख्त न हो पाने के चलते पुलिस चिंता में थी। इसी बीच मामले को लेकर 6,8 और 13 जनवरी को लखनऊ के माल, मलिहाबाद और बीकेडी थाने में एफआईआर दर्ज की गई।
सफाई कर्मचारी को दी सुपारी सरफाराज ने अपने ही परिवार के सदस्यों को मौत के घाट उतारने के लिए बैकुंठ धाम के सफाई कर्मचारी अनिल यादव को 1,80,000 की सुपारी दी और दोनों ने मिलकर बुजुर्ग मां-बाप को छोटे भाई को मौत के घाट उतार दिया। घटना को अंजाम देने के बाद सरफराज कश्मीर चला गया।
बेटी के आने के बाद शुरू हुई पड़ताल लेकिन शायद सरफराज ये भूल गया था कि अपराधी कितना भी शातिर क्यों न हो एक न एक दिन उसे अपने कर्मों की सजा जरूर मिलती है। महबूब अली की दो बेटों के साथ एक बेटी भी थी जो नोएडा में शादी के बाद अपने परिवार के साथ रह रही थी। बीते दिनों वह अपने मां बाप से मिलने विकास नगर स्थित आवास पहुंची। वहां पहुंचने पर उसने अपने मां-बाप के फोन नंबर पर फोन किया तो फोन ऑफ बताने लगा। बेटी ने मां बाप का हालचाल लेने के लिए बड़े भाई सरफराज को फोन किया तो सरफराज ने बताया कि 5 जनवरी को तीनों कश्मीर घूमने के लिए ट्रेन से निकले थे। जिसके बाद बेटी ने मां-बाप को ढूंढने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया दूसरी तरफ विभिन्न थाना क्षेत्रों में मिली लाश की कड़ियां जोड़ने में जुटी थी। इसी बीच जब यह पता चला कि एक ही परिवार के तीन सदस्य गायब हैं तो पुलिस ने पड़ताल शुरू की। पड़ताल के बाद आरोपी सरफराज को हिरासत में लिया गया पुलिस की पूछताछ में सरफराज ने कबूला कि परिवार की अनदेखी व संपत्ति के लालच में उसने अपने मां-बाप और छोटे भाई को मौत के घाट उतार दिया। जांच के दौरान पुलिस को विकास नगर स्थित आवास की छत पर खून सने गद्दे व हत्या के दौरान प्रयोग किया गया बांका भी बरामद किया है।