कांग्रेस की कोशिश बिना ज्यादा सीटे दिए ही गठबंधन बनाए रखने की है। और चाहती है कि भाजपा को हराने में सपा कांग्रेस की मदद करे। कांग्रेस की दलील है कि सपा का कुछ सीटों पर मध्य प्रदेश मामूली सा जनाधार है। उसे इसी हिसाब से सीटें मांगनी चाहिए। उधर सपा के प्रांतीय नेता मान रहे हैं कि मिल कर चुनाव लड़ने का कोई मतलब नहीं।
यूपी में I.N.D.I.A गठबंधन पर इसका असर पड़ सकता है। I.N.D.I.A गठबंधन के नेता मानते हैं कि यह गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए ही है। राज्यों में विपक्षी दल कितना एक साथ आ पाते हैं कि यह स्थानीय स्तर पर ही तय होना है, इसलिए मध्य प्रदेश में सपा और कांग्रेस चाले अलग-अलग चुनाव लड़े, लेकिन यूपी में जब सीटों का बटवारा होगा तो उसमें मामूली मतभेद मायने नहीं रखेगा। दोनों दलों के बीच बना अविश्वास आने वाले दिनों में यूपी में असर दिखा सकता है। यहां सीट वितरण को लेकर सपा भी आक्रामक तेवर दिखा सकती है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने प्रदेश में आईएनडीआईए में शामिल सपा से सीटों के बंटवारे पर कहा कि उनकी पार्टी किसी के भरोसे नहीं है। सभी 80 लोकसभा सीटों पर तैयारी चल रही है बाकी कांग्रेस नेतृत्व जो तय करेगा उस पर काम करेंगे। इससे संकेत मिले कि कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ सकती है। इससे यही पता चलता है कि I.N.D.I.A गठबंधन का यूपी में असर पड़ सकता है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को कानपुर में आल इंडिया यादव महासभा के सम्मेलन में पहुंचे। उन्होंने I.N.D.I.A गठबंधन के लिए कांग्रेस को अल्टीमेटम दिया। अखिलेश यादव ने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस को I.N.D.I.A गठबंधन के बारे तय करना है कि यह बठबंधन राष्ट्रीय स्तर पर होगा या प्रदेश स्तर पर। उन्होंने आगे कहा कि अभी प्रदेश स्तर पर गठबंधन नहीं किया गया तो आगे भी प्रदेश स्तर पर गठबंधन नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यही समय है जब तय करना होगा कि यूपी में सपा के साथ गठबंधन केवल लोकसभा चुनाव के लिए होगा या इस राष्ट्रीय गठबंधन का हिस्सा विधानसभा चुनाव भी होंगे।