इसके अलावा कर्मचारी कल्याण निगम से जी एस टी मुक्त सामान का निर्णय व एसीपी में अतिउत्तम की बाध्यता समाप्त करने का निर्णय भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है तथा बार बार आश्वासनों से आजिज आ चुके विभिन्न कर्मचारी संगठनों में व्यापक असंतोष पैदा हो गया है। जिससे कि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उप्र ने 14फरवरी को प्रदेश भर के जनपद मुख्यालय में धरने व 21 व 22 फरवरी को प्रदेश व्यापी हड़ताल का निर्णय लेना पड़ा।