इस तरह सामने आया फर्जीवाड़ा
सीतापुर और अम्बेडकरनगर में दूसरे के नाम पर नौकरी कर रहे सगे भाइयों शत्रुघन और रामानन्द का फर्जीवाड़ा उनके द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे पैन नंबर से ही सामने आया है। इन दोनों ने नौकरी के लिए जिनके दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था उनका ही पैन नंबर इनके सैलरी अकाउंट में भी इस्तेमाल हो रहा था। जब असली दस्तावेज वाले अपना रिटर्न भरने गए तो उन्हें पता चला कि उनकी आय दोगुनी दर्ज है। जब पता किया तो खुलासा हुआ कि सीतापुर और अम्बेडकरनगर में उनके नाम से ही दो लोग नौकरी कर रहे हैं। इसके बाद यह मामला एसटीएफ के पास पहुंचा और फिर दोनों फर्जी शिक्षक को दबोच लिया गया।
सीतापुर और अम्बेडकरनगर में दूसरे के नाम पर नौकरी कर रहे सगे भाइयों शत्रुघन और रामानन्द का फर्जीवाड़ा उनके द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे पैन नंबर से ही सामने आया है। इन दोनों ने नौकरी के लिए जिनके दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था उनका ही पैन नंबर इनके सैलरी अकाउंट में भी इस्तेमाल हो रहा था। जब असली दस्तावेज वाले अपना रिटर्न भरने गए तो उन्हें पता चला कि उनकी आय दोगुनी दर्ज है। जब पता किया तो खुलासा हुआ कि सीतापुर और अम्बेडकरनगर में उनके नाम से ही दो लोग नौकरी कर रहे हैं। इसके बाद यह मामला एसटीएफ के पास पहुंचा और फिर दोनों फर्जी शिक्षक को दबोच लिया गया।
बतादें कि विधानसभा समिति के निर्देश पर फर्जी शिक्षकों की जांच के लिए हर जिले में एडीएम, एएसपी और शिक्षा विभाग के मंडलीय स्तर के अधिकारी की जांच समितियां बनाई गई हैं। इन्हें एक महीने के अंदर फर्जी शिक्षकों को चिह्नित कर अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा को रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन ये अभी तक रिपोर्ट नहीं दे पाई हैं।
हर जिले में 50 से अधिक फर्जी शिक्षक
शिक्षकों के फर्जीवाड़े का जांच कर रही एसटीएफ को अंदाजा है कि हर जिले में औसतन 50 से ज्यादा फर्जी शिक्षक हैं। अकेले मथुरा में ही 150 संदिग्ध शिक्षकों की सूची एसटीएफ के हाथ लगी थी। कौशांबी में भी 23 शिक्षकों को बर्खास्त किया गया था।
शिक्षकों के फर्जीवाड़े का जांच कर रही एसटीएफ को अंदाजा है कि हर जिले में औसतन 50 से ज्यादा फर्जी शिक्षक हैं। अकेले मथुरा में ही 150 संदिग्ध शिक्षकों की सूची एसटीएफ के हाथ लगी थी। कौशांबी में भी 23 शिक्षकों को बर्खास्त किया गया था।