मृतक डॉक्टर मनीषा के पीजी में जांच के दौरान मिला सुसाइड नोट, सामने आया मौत का असली कारण
लखनऊ. राजधानी के केजीएमयू की जूनियर डॉक्टर (जेआर थर्ड) मनीषा शर्मा सुसाइड मामले में बुधवार को वजीरगंज पुलिस और फॉरेंसिक टीम जांच के लिए बुद्धा हॉस्टल पहुंची। जांच के दौरान मृतका मनीषा की बड़ी बहन दीपा भी साथ में थीं। मृतक डॉक्टर मनीषा के रूम में लगभग एक घंटे तक जांच की गई। जांच के दौरान कमरे से मनीषा का सुसाइड नोट मिला। इस सुसाइड नोट में लिखा था कि ‘मैं थक गई हूं। मुझसे अब और स्ट्रगल नहीं हो पा रहा है। मेरी मौत का और कोई जिम्मेदार नहीं है। लव यू पापा।’
क्या है प्रकरण का पूरा मामला कानपुर निवासी रमेश चंद्र की सबसे छोटी बेटी मनीषा केजीएमयू के क्वीन मेरी अस्पताल में एमएस की छात्रा थीं। साथ ही वह जूनियर रेजीडेंट भी थीं। शनिवार रात करीब 8 बजे मनीषा ने हाईडोज इंजेक्शन ली थी। यह इंजेक्शन ऑपरेशन के दौरान शरीर को शिथिल करने के लिए लगाया जाता है। इसके बाद उन्हें केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती किया गया, जहां सोमवार को उनकी मौत हो गई। हालांकि, मनीषा के रूम से सुसाइड नोट मिला है लेकिन बड़ी बहन दीपा ने यूरो विभाग के सीनियर रेजीडेंट उधम सिंह पर मनीषा को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया है। उधम सिंह के खिलाफ वजीरगंज थाने में आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए मुकदमा दर्ज कराया गया है।
व्यापम घोटाले में आया था नाम बता दें कि मनीषा का नाम 2015 में केजीएमयू के क्वीन मेरी अस्पताल में पीजी कोर्स के दाखिले के समय आया था। मनीषा का नाम व्यापम घोटाले में आया था, जिसके लिए उन्हें 10 मई, 2015 को छह महीने की जेल हुई थी। इसके बाद 3 नवंबर, 2015 को उन्हें मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से इस कंडीशन पर बेल मिली थी कि उन्हें हर महीने दो बार ग्वालियर की सीबीआई ऑफिस आना होगा।
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