सुप्रीम कोर्ट सुनाएगी फैसला दरअसल हाथरस के बूलगढ़ी गांव में दलित युवती के साथ हुई बर्बरता के मामले में सुप्रीम कोर्ट आज जनहित याचिकाओं पर फैसला सुनाएगा। जनहित याचिका में जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के वर्तमान या रिटायर्ड जज से कराने की मांग की गई है। इस केस की सुनवाई चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम की बेंच ने की है और आज इस मामले में फैसला सुनाएगी। सुप्रीम कोर्ट आज तय करेगी कि वह मामले की निगरानी करेगी या यह जिम्मेदारी इलाहाबाद हाईकोर्ट को सौंपी जाएगी। इसके अलावा केस का ट्रायल दिल्ली ट्रांसफर होगा या फिर नहीं।
दिल्ली में ट्रायल की मांग सुुप्रीम कोर्ट में इससे पहले सुनवाई के दौरान पीड़ित परिवार ने अपील की थी कि इस मामले का ट्रायल दिल्ली में हो। इस याचिका में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में इस मामले की निष्पक्ष जांच और सुनवाई नहीं होगी। इसी वजह से केस को दिल्ली ट्रांसफर कर दिया जाए। इसके साथ इस बात पर भी सुप्रीम कोर्ट फैसला लेगा कि बूलगढ़ी गांव के पीडि़तों के साथ ही गवाहों को केंद्रीय सुरक्षा बल की निगरानी में रखा जाए या फिर नहीं। इससे पहले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश सरकार ने बताया था कि पीड़ित परिवार और गवाहों की गांव में तीन स्तरीय सुरक्षा की जा रही है।
लखनऊ में भी सुनवाई आपको बता दें कि यूपी के हाथरस के बूलगढ़ी गांव में 14 सितंबर 2020 को एक युवती के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म के दौरान प्रताडि़त किया गया। जिससे उसकी हालत खराब हो गई और उसको अलीगढ़ के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। जहां से उसको दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में शिफ्ट कराया गया। जहां पर उसने 29 सितंबर को दम तोड़ दिया। उसी रात को पुलिस द्वारा उसकी अंत्येष्टि कर दी गई। जिसपर काफी बवाल भी मचा। इस केस की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के साथ ही इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में हो रही है। लखनऊ में दो नवंबर को सुनवाई होगी।