बढ़ सकते हैं रोजगार के अवसर
उत्तर प्रदेश में सड़क परिवहन मंत्रालय ने वाहन चालकों के लिए सोमवार को निर्देश जारी किए है कि अभी व्यावसायिक में प्रयोग किए जाने वाले वाहन चालकों को कमर्शियल लाइसेंस की आवश्कता पड़ती थी। वाहन चालकों को निजी लाइसेंस बनवाने के बाद भी कमर्शियल लाइसेंस के लिए एक साल तक का इंतजार करना होता था लेकिन सरकार ने अब वाहन चालकों के लिए नई व्यवस्था लागू कर दी है। इससे कमर्शियल लाइसेंस के लिए हो रहे भ्रष्टाचार से मुक्ति मिलने की संभावना बढ़ जाएगी। कमर्शियल वाहन चलाने की इस छूट से यूपी में रोजगार के अवसर भी बढ़ सकते हैं।
इस नियम से बढ़ेंगी वाहनों की संख्या
फिलहाल योगी सरकार ने इस निर्णय को लेकर अपनी आशंका भी जाहिर की है। इस नई व्यवस्था से शहर की सड़कों पर वाहनों की संख्या बढ़ जाएगी और ट्रैफिक जैसी समस्याएं भी बढ़ेंगी जिससे लोगों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस व्यवस्था से शहर की सारी यातायात व्यवस्थाएं अस्त व्यस्त हो सकती हैं। इससे कारों की विक्री पर भी प्रभाव पड़ेगा और इससे कारों की खरीददारी यूपी के बड़े शहरों में कम हो सकती है। इस व्यवस्था से शहर की सड़कों पर टैक्सियों की संख्या बढ़ेगी और इसके साथ ही ट्रैफिक भी बढ़ेगा।
ओला और ऊबर के ड्राइवर के लिए नहीं पड़ेगी कॉमर्शियल लाइसेंस की जरूरत
अगर आप ओला और ऊबर के ड्राइवर बनना चाहते हैं तो आप अब आसानी से ओला और ऊबर के ड्राइवर बन सकते हैं। और इसके लिए आपको किसी कॉमर्शियल लाइसेंस की जरूरत नहीं पड़ेगी। अाप अपने निजी लाइसेंस के माध्यम से भी ओला और ऊबर के ड्राइवर बन सकते हैं। इससे आपको एक अच्छा रोजगार मिलेगा और सारी समस्याएं हल हो जाएंगी।