-अगर आप लीफ़ टी या ग्रीन टी का शौक रखते हैं तो आपको टी बैग नहीं बल्कि खुली पत्तियों का इस्तेमाल करना चाहिए। दरअसल टी बैग चाय में रंग तो अच्छा देते हैं लेकिन स्वाद को मार देते हैं।
-खुली पत्तियों के इस्तेमाल का मतलब यह नहीं है कि आपको पत्तियों को पानी में उबालना ही होगा। आजकल मार्केट में इंफ्युज़र बास्केट मिलते हैं और अगर आप एक कप चाय ही बनाना चाहते हैं तो आसानी से बना सकते हैं।
-अच्छी चाय की दूसरी शर्त होती है अच्छा पानी। अगर आपके इलाक़े में पानी हार्ड यानि भारी है तो आप फ़िल्टर इस्तेमाल कर सकते हैं। भारी पानी में कई तरह के मिनरल की मात्रा ज़्यादा होती है। इस पानी के इस्तेमाल से कई बार आपके चाय के कप में चिकनाई तैरती हुई नज़र आ सकती है।
-अलग अलग चाय बनाने के लिए पानी का तापमान भी अलग अलग होता है। मसलन अगर आप काली पत्ती से बनने वाली गोल्डन रंगी की दूध चीनी की चाय पीते हैं तो चाय को जम के उबलने दें, लेकिन अगर आप ग्रीन टी पीते हैं तो पानी का तापमान 70-80 डिग्री सैल्सियस से ज़्यादा नहीं होना चाहिए।