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लखनऊ

पिछड़ों की इस पार्टी ने किया खुलासा- अदालत की किस तरह भाजपा ने की अवमानना

ई.वी.एम. सेंटिंग का राज छिपाने के लिए भाजपा द्वारा कराया जा रहा है ओबीसी जातियों का सम्मेलन

लखनऊSep 21, 2018 / 09:31 pm

Anil Ankur

mp high court

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लखनऊ . उच्च न्यायालय ने 2013 में मोतीलाल यादव एडवोकेट की जनहित याचिका की सुनवाई के बाद जातीय सम्मेलनों पर रोक का आदेश दिया था। लेकिन सत्ताधारी पार्टी भाजपा द्वारा उच्च न्यायालय के आदेशों की खुले आम धज्जियां उठाई जा रही हैं। उक्त प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय निषाद संघ (एन.ए.एफ.) के राष्ट्रीय सचिव चै0 लौटन राम निषाद ने कहा कि यह न सिर्फ न्यायालय के आदेश की अवहेलना है। बल्कि समाज को बांटने का भाजपा का प्रयास भी है। भाजपा ने उच्च न्यायालय का जब निर्णय आया था तो न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया था। लेकिन वर्तमान में अपने खिसकते हुए जनाधार से परेशान भाजपा पिछड़े वर्ग की जातियों का अलग-अलग सम्मेलन कराकर समाज को तोड़ने व आपस में नफरत पैदा करने की साजिश कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा ओबीसी मोर्चा द्वारा कराये जा रहे जातीय सम्मेलनों का मकसद लोक सभा चुनाव-2019 में ई0वी0एम0 सेटिंग का राज छिपाने व जनता का ध्यान हटाने के लिए साजिश है।
पिछड़ी जाति का बेटा बताकर प्रधान मंत्री बने
निषाद ने बताया कि लोक सभा चुनाव – 2014 में मोदी ने स्वयं अपने को पिछड़ी जाति का व गरीब मां का बेटा बताकर पिछड़ों, दलितों का वोट बैंक हथियाकर प्रधान मंत्री बने। विधान सभा चुनाव-2017 में भाजपा ने उत्तर प्रदेश में केशव प्रसाद मौर्य व उमाश्री भारती का नाम आगे कर चुनाव लड़ा और यहीं नहीं अलग-अलग जातियों की बस्तियों में जाकर निरंजन ज्योति, संतोष गंगवार, धर्मपाल सिंह लोधी, स्वतंत्र देव सिंह आदि को मुख्यमंत्री बनाने का झूठा प्रचार कर पिछड़ों का वोट बैंक हथियाया लेकिन जब मुख्यमंत्री बनाने की बारी आई तो कट्टर जातिवादी योगी आदित्य नाथ को बना दिया। महाराष्ट्र चुनाव के दौरान पंकजा मुण्डे(वंजारी), विनोद तावडे(कुर्मी), हरियाणा में राजकुमार सैनी, किरण पाल सिंह गुर्जर, वीरेन्द्र सिंह जाट व झारखण्ड में आदिवासी को मुख्यमंत्री बनाने का प्रचार व मीडिया ट्रायल कराया। जब मुख्यमंत्री बनाने की बारी आई तो महाराष्ट्र में देवेन्द्र फडनवीस(ब्राह्मण), हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर(पंजाबी बनिया) व झारखण्ड में रघुबर दास(साहू बनिया) को बना दिया। अब पिछड़े, अतिपिछड़े, दलित व आदिवासी भाजपा के झूठ-फरेब, छल-कपट को समझ गये हैं।
मोदी व अमित शाह ने प्रचार किया कि उत्तर प्रदेश में एक जाति की सरकार

निषाद ने कहा कि लोक सभा चुनाव के दौरान भाजपा के दूसरी पंक्ति के नेताओं के साथ-साथ नरेन्द्र मोदी व अमित शाह ने प्रचार किया कि उत्तर प्रदेश में एक जाति की सरकार है। विधान सभा चुनाव के दौरान मोदी व शाह ने झूठा दुष्प्रचार किया कि लोक सेवा आयोग द्वारा उत्तर प्रदेश में 86 एस.डी.एम. में 56 यादव बना दिये गये। भाजपा के झूठे प्रचार व मीडिया ट्रायल से गैर यादव पिछड़ों व दलितों मेें यादव जाति के प्रति नफरत की भावना पैदा कर दी गई। भाजपा ने 9 अगस्त को नाई सविता, 5 सितम्बर को लोधी किसान, 6 सितम्बर को भुर्जी कांदू, 7 सितम्बर को निषाद, बिन्द, कश्यप, 10 सितम्बर को मोदनवाल हलवाई, 11 सितम्बर को जाट, 12 सितम्बर को कुर्मी, पटेल, सैंथवार, गंगवार, 13 सितम्बर को गिरि, गोस्वामी, 14 सितम्बर को चैरसिया, 15 सितम्बर को यादव, 16 सितम्बर को जायसवाल, कलवार, 19 सितम्बर को स्वर्णकार, सोनार सम्मेलन कराया। इससे पूर्व पाल, बघेल, राजभर, कुम्हार, प्रजापति, तेली, साहू, अर्कवंसी आदि जातियों का सम्मेलन कराई और अभी और कई जातियों का सम्मेलन कराकर पिछड़ों को बांटने का काम करने वाली है। लेकिन भाजपा की साजिश को ओबीसी, एससी समझ गये हैं। वर्तमान में योगी व मोदी द्वारा सामाजिक न्याय का गला घोटा जा रहा है। और आरक्षण व्यवस्था को निष्प्रभावी किया जा रहा है।

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