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लखनऊ

दैवीय आपदाओं से बचाएगी लखनऊ के वैज्ञानिकोंं की यह खोज

वैज्ञानिकों को उत्कृष्ट कार्यों के लिए पुरस्कार

लखनऊMay 14, 2018 / 09:07 pm

Anil Ankur

dr dinesh sharma

Dinesh Sharma

लखनऊ. प्रदेश के उप मुख्यमंत्री तथा मंत्री, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी ने कहा कि वैज्ञानिक एवं तकनीशियन नवीनतम अत्याधुनिक तकनीकों का अधिकाधिक उपयोग कर प्रदेश के प्राकृतिक संसाधनों के प्रबन्धन, नगरीय विकास के नियोजन तथा आपदाओं के प्रभावों के न्यूनीकरण के लिए समग्र प्रयास करें। उन्होंने रिमोट सेन्सिंग एप्लीकेशन्स सेन्टर मौसम में हो रहे परिवर्तन की जानकारी, भूगर्भजल, सतही जल, मृदा, वन, कृषि, भूमि आच्छादन संबंधी अध्ययन में नवीन परिवर्तन का आकलन करके निकर्ष निकालने का वैज्ञानिकों से आवाह्न किया। केन्द्र उपलब्ध मानचित्र के आंकड़ों को संबंधित विभाग को समय पर उपलब्ध करायें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों के कल्याण के लिए प्रतिबद्व है।
डा. शर्मा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार के अन्तर्गत जानकी पुरम कुर्सी रोड लखनऊ स्थित प्रदेश के अग्रणी वैज्ञानिक केन्द्र रिमोट सेन्सिंग एप्लीकेशन्स सेन्टर, के 37वें स्थापना दिवस समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने रिमोट सेन्सिंग एप्लीकेशन्स सेन्टर के 36 वर्षों के इतिहास की प्रशंसा की और यह भी कहा कि यह केन्द्र नवीनतम उपग्रहीय सुदूर संवेदन तकनीक एवं पारम्परिक तकनीकों के समन्वय से उत्तर प्रदेश प्राकृतिक संसाधनों का समुचित दोहन कर सकता है। यह उ0प्र0 का अग्रणी वैज्ञानिक केन्द्र है। इस अवसर पर डा0 दिनेश शर्मा द्वारा केन्द्र के वैज्ञानिकों एवं कार्मिकांे को उत्कृष्ट कार्यों के लिए पुरस्कार प्रदान किया गया।
श्री मोहसिन रजा, राज्यमंत्री, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, उत्तर प्रदेश ने अपने उद्बोधन में आर0एस0ए0सी0, यू0पी0 द्वारा किये जा रहे कार्यकलापों की सराहना करते हुए इन्हें जन-जन तक पहुंचाने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस अवसर पर RSAC, यू0पी0 के वेब पोर्टल ’’संवेदन’’ का शुभारम्भ प्रमुख सचिव हेमंत राव विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी द्वारा किया गया। जिसके माध्यम से प्रदेश के प्राकृतिक संसाधनों के डाटाबेस की जानकारी उपयोगकर्ता विभागों, शोधकर्ताओं, विद्यार्थियों तथा आम जनता तक आसानी से पहुँच सकेगी। इस अवसर पर हेमन्त राव, प्रमुख सचिव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, उत्तर प्रदेश ने अपने उद्बोधन में प्रदेश सरकार एवं भारत सरकार के विभिन्न उपयोगकर्ता विभागों एवं आरएससी, यूपी के मध्य अधिकाधिक संवाद तथा रिमोट सेन्सिंग तकनीकों से सृजित सूचनाओं को शीघ्र उपयोगकर्ता विभागों तक पहुंचाने तथा नवीनतम तकनीकों एवं प्रबन्धन रणनीतियों को अपनाये जाने पर बल दिया।
शीतगृहों की सूचना से सम्बन्धित मोबइल ऐप ’’शीतगृह’’ का श्री सुधाकर त्रिपाठी, माननीय अध्यक्ष प्रबंधकारिणी समिति, आर0एस0ए0सी0, यू0पी0 द्वारा शुभारम्भ किया गया तथा फसलों के अवशेष जलाये जाने की त्वरित सूचना दिये जाने के लिये विकसित एस.एम.एस. अलर्ट सिस्टम का शुभारम्भ सुश्री मिनिस्ती एस0नायर, विशेष सचिव, विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी द्वारा किया गया। इस अवसर पर सुधाकर त्रिपाठी अध्यक्ष प्रबन्धकारिणी समिति, आरएसएसी, यूपी फसलों के अवशेष जलाने की रोकथाम के एक सशक्त तकनीकी प्रयास के रूप में आरएसएसी, यूपी द्वारा विकसित किये गये एसएमएस एलर्ट सिस्टम की चर्चा करते हुए श्री त्रिपाठी ने बताया कि यदि कोई फसलों के अवशेष जलाता है तो इस सिस्टम से यह सूचना त्वरित गति से सम्बन्धित थाना प्रभारी तथा जिलाधिकारी को प्राप्त हो सकेगी। उन्होंने बताया कि इस केन्द्र द्वारा विकसित किये गये मोबाइल ऐप के माध्यम से प्रदेश में कोल्ड स्टोरेज के जीआईएस डाटाबेस की जानकारी किसानों, व्यापारियों तथा आम उपभोक्ताओं द्वारा प्राप्त की जा सकेगी।
इस अवसर पर केन्द्र के निदेशक श्री राजीव मोहन द्वारा 14 मई, 1982 को स्थापना से अद्यतन इस केन्द्र की प्रमुख उपलब्धियों का प्रस्तुतीकरण किया गया तथा केन्द्र के विभिन्न प्रभागों द्वारा किये जा रहे कार्य की जानकारी दी गई।

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