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एक्सीडेंट के बाद तुरंत नही मिल पाता था इलाज
मेडिकल कालेज टीम द्वारा तैयार किए गए ट्रामा सेंटर के प्रस्ताव को डीएम ने यूपीडा (UPEIDA) को भेज दिया है। एक्सप्रेसवे पर होने वाले हादसों में गंभीर घायलों को तुरंत इलाज की जरूरत होती है। यह उन्हें फिलहाल नहीं मिल पा रहा है। जब तक उन्हें मेडिकल कालेज या जिला अस्पताल पहुंचाया जाता, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। पांच दिसंबर 2018 को एक्सप्रेसवे पर सौरिख में बने कट का उद्घाटन करने आए प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सतीश महाना (Cabinet minister satish mahana) के सामने स्थानीय लोगों और खुद जिलाधिकारी रवींद्र कुमार (District Magistrate Ravindra Kumar) ने इस समस्या को रखा था। सतीश महाना ने भी इसे गंभीरता से लिया। उन्होंने ट्रामा सेंटर के लिए सौरिख में ही एक्सप्रेसवे के नजदीक जमीन के चयन के निर्देश दिए थे। जमीन की तलाश में जुटे अधिकारियों ने सौरिख कट के पास ही एक किसान की करीब दो हजार वर्ग मीटर जमीन का चयन ट्रामा सेंटर के लिए किया है। किसान भी जमीन देने को राजी है। मेडिकल कालेज टीम द्वारा तैयार किए गए ट्रामा सेंटर के प्रस्ताव को डीएम ने यूपीडा को भेज दिया है। जिलाधिकारी रवींद्र कुमार ने बताया कि शासन से हरी झंडी मिलने की पूरी उम्मीद है। इसके बाद एस्टीमेट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।