यह वहीं लोग हैं जो किराए पर कमरा, फ्लैट या मकान की मांग की सुगबुगाहट भर से दिन रात ग्राहक को फोन कर नई-नई प्रापर्टी की जानकारी देकर उन्हें परेशान कर डालते हैं, लेकिन एक रेप पीड़िता से ऐसे आंखें फेर लेते हैं। बहरहाल कोर्ट ने पीड़िता की मांग का संज्ञान लिया है।
अदालत ने घर दिलाने की दी जिम्मेदारी- पीड़िता के वकील ने जब कोर्ट से इस बाबत जानकारी दी, तो कोर्ट भी हैरान था। वकील धर्मेंद्र कुमार मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि लड़की की पृष्ठभूमि जानने के बाद मकान मालिक पीड़िता को अपना घर किराये पर देने से मना कर रहे हैं। अदालत ने इसका संज्ञान लेते हुए दिल्ली महिला आयोग को उन्नाव रेप पीड़िता को घर उपलब्ध करने का आदेश दिया है। सात ही डीसीडब्ल्यू की चेयरपर्सन को पीड़िता के रख रखाव व नौकरी दिलाने के भी निर्देश दिए हैं।