कांग्रेस ने दी सलाह सदन में कांग्रेस दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सरकार को अलग-अलग विधेयक लाने के बजाय पूरे देश में सभी राज्यों की मांगों को शामिल करते हुए एक विधेयक लाने की सलाह दी है। अधीर रंजन ने कहा कि वह इस विधेयक का विरोध नहीं कर रहे। उनके अनुसार सरकार उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह विधेयक लाना चाहती है। लेकिन चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण ऐसा नहीं कर पाई। जनजाति कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने इसका विरोध करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश का चुनाव खत्म हो चुका है और विधायक का उससे कोई संबंध नहीं है। वहीं अधीर रंजन ने बताया कि अनुसूचित जनजाति की सूची में संशोधन से संबंधित तीन विधेयक संसद में विचाराधीन है। ऐसे में सरकार को सभी राज्यों के अनुरोध को शामिल करते हुए समेकित रूप से एक विधेयक लाना चाहिए।
ये भी पढ़ें: योगी ने दिए निर्देश, अब यूपी में घर बनाना होगा आसान, आप भी उठा सकते हैं फायदा
यूपी के इन क्षेत्रों की ये जातियां हैं शामिल अनुसूचित जनजाति संशोधन विधेयक 2022 में उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर, कुशीनगर, चंदौली, संत रविदास नगर में रहने वाली गोंड जाति को अनुसूचित जाति एससी की सूची से बाहर कर अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने का प्रावधान है। गोंड के अलावा संत कबीर नगर कुशीनगर चंदौली और संत रविदास नगर में रहने वाली धुनिया, नायक ओझा, पठारी और राजगोंड को भी अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का प्रावधान है।
यूपी के इन क्षेत्रों की ये जातियां हैं शामिल अनुसूचित जनजाति संशोधन विधेयक 2022 में उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर, कुशीनगर, चंदौली, संत रविदास नगर में रहने वाली गोंड जाति को अनुसूचित जाति एससी की सूची से बाहर कर अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने का प्रावधान है। गोंड के अलावा संत कबीर नगर कुशीनगर चंदौली और संत रविदास नगर में रहने वाली धुनिया, नायक ओझा, पठारी और राजगोंड को भी अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का प्रावधान है।