बीते साल के बाद इस साल भी कोरोना संकट बरकरार रहने से छात्रों की पढ़ाई और परीक्षा पर संकट रहा। संक्रमण को फैलने से रोकने और इसके खतरे के मद्देनजर सरकार के आदेश पर यूपी बोर्ड ने परीक्षा न कराने का फैसला करते हुए बिना परीक्षा के ही हाई स्कूल के 29.94 लाख व इंटरमीडिएट के 26.10 लाख परीक्षार्थियों को पास करने का निर्णय लिया।
बोर्ड ने इसके लिये फार्मूला तय किया, जिसके आधार पर हाईस्कूल के परीक्षार्थियों को कक्षा 9 की वार्षिक परीक्षा के साथ ही 10वीं की प्री बोर्ड परीक्षा में मिले 50-50 प्रतिशत अंकों के आधार पर नंबर देकर रिजल्ट घोषित हाेगा। वहीं इंटरमीडिएट के लिये परीक्षार्थियों के 10वीं के 50 फीसदी, 11वीं की वार्षिक परीक्षा के 40 प्रतिशत व इंटरमीडिएट प्री बोर्ड में मिले नंबरों के 10 प्रतिशत के आधार पर नंबर दिया जाएगा।
बोर्ड परीक्षा में मिले नंबरों से असंतुष्ट रहने वाले छात्रों को यूपी बोर्ड स्क्रूटनी का मौका देता है। पर इस बार परीक्षार्थियों के लिये स्क्रूटनी का विकल्प नही रखा गया है। दरअसल स्क्रूटनी परीक्षा में मिले प्राप्तांकों की होती है। जबकि इस बार फार्मूले के तहत नंबर दिये जाएंगे। हालांकि रिजल्ट से असंतुष्ट रहने वाले छात्रों के लिये बोर्ड की ओर से परीक्षा का विकल्प रखा गया है। इसके लिये परीक्षार्थियों को परिणाम घोषित होने के बाद संबंधित विद्यालय के माध्यम से आवेदन करना होगा।