इस बार होगी ज्यादा सख्ती वहीं इस बार हर कमरे में दो-दो सीसीटीवी लगाने का फरमान जारी किया गया है। यही नहीं इस बार कैमरों के साथ वॉयस रिकॉर्डर भी इंस्टॉल किया जाएगा, ताकि कहीं भी बोलकर नकल की बात सामने न आए।
जानें क्या है जल्दी परीक्षा कराने का कारण डॉ.दिनेश शर्मा के मुताबिक, आमतौर पर परीक्षाएं लंबी चलती थीं जिसके बाद रिजल्ट भी देरी से आता था। ऐसे में नया सत्र भी देरी से शुरू होता था। पूरी शैक्षिक सत्र ही इससे पिछड़ जाता था। ऐसे में योगी सरकार ने इन परीक्षाओं को जल्दी आयोजित कराने का निर्णय लिया है। परीक्षा का टाइम टेबल इसी महीने घोषित कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि परीक्षा के आयोजन में प्रयाग कुंभ के प्रमुख शाही स्नान और उत्सव के दिनों का ध्यान रखा जाएगा। डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि सरकार ने नकल पर शिकंजा कसने में कामयाबी हासिल की है। उन्होंने कहा कि 2017 की बोर्ड परीक्षा में प्रदेश में 50 लाख विद्यार्थी पंजीकृत थे, 2018 में इनकी संख्या बढ़कर 67.22 लाख पहुंच गई।सरकार की ओर से 2018 की बोर्ड परीक्षा में नकल पर की गई सख्ती से इस वर्ष विद्यार्थियों की संख्या घटकर 57.87 लाख रह गई है। उन्होंने कहा कि नकल पर अंकुश के कारण निजी विद्यार्थियों की संख्या में कमी आई है।
इस बार भी जल्दी आएगा रिजल्ट इस बार रिजल्ट भी पिछली बार की तरह जल्दी ही घोषित किया जाएगा। डॉ. दिनेश शर्मा के मुताबिक पिछली बार UP Board का रिजल्ट इतिहास में पहली बार इतनी जल्दी आया था। ये रेकॉर्ड इस साल भी बनेगा।