योगी कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश में सभी तरह के धरना-प्रदर्शनों पर रोक लगाने का प्रस्ताव पास कर दिया है। फैसले के बाद अब लखनऊ के घंटाघर सहित कई शहरों में सीएए और एनआरसी के खिलाफ चल रहे धरना-प्रदर्शन स्थगित किये जा सकते हैं। ऐसा न करने पर दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है। उत्तर प्रदेश कोरोना पीड़ितों की संख्या बढ़कर 15 हो गई है, जिनमें से 12 भारतीय और 1 विदेशी नागरिक है। सरकार कोरोना से निपटने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। इसी को देखते हुए सरकार एक कैबिनेट में कई प्रस्तावों पर मुहर लगाई है। धार्मिक नेताओं से मुख्यमंत्री ने अपील की है कि सभी मंदिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों व अन्य में ज्यादा भीड़ न हो।
यह भी पढ़ें
यूपी कैबिनेट के फैसले- दो अप्रैल तक सभी स्कूल-कॉलेज बंद, धरना-प्रदर्शनों पर रोक
कैबिनेट बैठक के बाद प्रेसवार्ता में सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि अभी कोरोनावायरस स्टेज टू में है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी से अपील की है कि इसके स्टेज थ्री में पहुंचने से रोकना है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि प्राइवेट फर्मों में काम करने वाले लोग घर से ही काम करें। सरकार के लिए काम करने वाले जो लोग हैं, उनके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है। कमेटी की रिपोर्ट के बाद वर्क फ्रॉम होम पर फैसला लिया जाएगा। फिलहाल, जहां सुविधा है वह लोग अपने घर से ही काम कर सकते हैं।