अपने सरकारी आवास में प्रेस से बात करते हुए योगी आदित्यनाथ ने बताया कि किसानों को बकाया गन्ना भुगतान कराने के लिए चीनी मिलों को साढ़े चार रुपए प्रति किलो अनुदान देने का निर्णय लिया गया है। मिलों को चार हजार करोड़ का साफ्ट लोन पांच फीसदी के ब्याज पर दिया जाएगा। लोन के लिए शर्त रखी गई है कि पैसा आरटीजीएस के माध्यम से सीधे गन्ना किसानों के खाते में जाएगा। सरकार के इस फैसले से तकरीबन 40 लाख किसान लाभान्वित होंगे।
नए व पुराने भुगतान भी किए भाजपा ने
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कुल 119 चीनी मिलें संचालित हैं। इसमें 24 सहकारी क्षेत्रकी मिलें हैं और शेष निजी। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों का गन्ना मूल्य भुगतान करीब नौ हजार 770 करोड़ रुपए बकाया है। इसमें निगम और फेडरेशन का 887 करोड़ रुपए है। सरकार किसानों को 887 करोड़ एकमुश्त उनके खाते में भेजने जा रही है। 63 चीनी मिलों ने 80 फीसदी, 42 चीनी मिलों ने 50 फीसदी और नौ मिलों ने 50 फीसदी से कम भुगतान किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी में चीनी के मूल्य अंतरराष्ठ्रीय मूल्य से 20 रुपए प्रति किलो ज्यादा हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी की कम दरों के कारण मिलों की समस्या और किसानों की समस्या को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि चीनी मिलों को साढ़े चार रुपए प्रति कुंतल की दर से वित्तीय सहायता दी जाएगी। इससे सरकार पर पांच सौ करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा चीनी मिलों को पांच फीसदी ब्याज दर पर पांच साल के लिए चार हजार करोड़ रुपए का साफ्ट लोन देने का निर्णय लिया गया है। मिल के डिफाल्टर होने पर 12 फीसदी ब्याज वसूला जाएगा। लोन उसी चीनी मिल को मिलेगा जिसने कम से कम तीस फीसदी गन्ना मूल्य का भुगतान किया हो।
सीएम बोले उत्तर प्रदेश में हमारी सरकार आने के पहले किसान आत्म हत्या कर रहा था, लेकिन अब हालात बदल रहे हैं। केन्द्र व यूपी सरकार पूरी तत्परता के साथ काम कर रहे हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ किसानों द्वारा आंदोलन कर रहे हैं। हमारे दो मंत्री वहां भेजे गएहैं। उनके कई मुद्दे हैं जिन पर हम पहले से फैसला कर चुके हैं। मसलन आवारा पशुओं के लिए हमने हर जिले में गौवंश रखने के लिए सवा करोड़ रुपए दे दिए हैं। हमारे 17 नगर निगमों से 16 नगर निगम में भी सेल्टर बनाने के निर्देश दे दिए गए हैं।
दस साल पुराने वाहनों को खत्म करने के केन्द्र सराकर के फैसले के खिलाफ सरकार याचिका दायर करेगी ताकि किसानों को लाभ मिल सके।
आवारा पशुओं से होने वाले नुकशान को कवर करने के लिए एक कमेटी बनेगी जो इस पर विचार करेगी।