जबरन सेवानिवृत्ति के आदेश गृह विभाग की समीक्षा के दौरान सीएम योगी ने भ्रष्ट और नकारा पुलिसकर्मियों को जबरन सेवानिवृत्ति के आदेश दिए थे। एडीजी स्थापना पीयूष आनंद ने सभी इकाईयों और जिलों में बनी रिपोर्ट तलब कर उन पुलिसवालों की छंटनी के निर्देश दिए, जिनकी उम्र 50 पार है और इसमें जिनका रिकार्ड स्तर अच्छा नहीं है।
इससे पहले सचिवालय प्रशासन की समीक्षा बैठक के दौरान सीएम योगी ने भ्रष्ट और नकारा पुलिस अफसरों को चिन्हित कर उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति के निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा था कि सरकार को उन अधिकारी व कर्मचारियों की जरूरत नहीं, जो व्यवस्था के प्रति ईमानदार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि चौकीदार सूचनाएं देकर अपराध को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। हर पखवाड़े में इनके साथ बैठक करें, प्रधानों और अन्य जनप्रतिनिधियों से लगातार संवाद बनाए रखें। लूट होने पर संबंधित थाने के पुलिसकर्मियों से लेकर सिपाही तक जवाबदेही तय करें।
अपराधियों की आराम तलबी पर नाराज जेलों में अपराधियों की आराम तलबी पर भी मुख्यमंत्री योगी ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने निर्देश दिया कि ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करें। जनता तक सकारात्मक संदेश देने के लिए आंकड़ों को नहीं बल्कि जनता के भरोसे को कानून व्यवस्था का पैमाना बनाएं।
दुष्कर्म के मामले फास्ट ट्रैक कोर्ट में निपटाएं महिलाओं और बच्चियों के साथ बलात्कार की घटनाओं को रोकने के लिएो मुख्यमंत्री ने रेंज स्तर पर ऐसे 10 अपराधियों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए, जिनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। ऐसे मामलों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुलझाने और दो महीनों के भीतर अपराधियों को सजा दिलवाने के निर्देश दिए। बैठक के बाद ऐसे 30 अफसरों की फाइल खंगालना शुरू कर दिया गया, जिन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी। इसमें 17 समीक्षा अधिकारी, आठ अनुभाग अधिकारी, तीन अनुसचिव और दो उप सचिव शामिल हैं।