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बीते वर्षों में बाढ़, सूखे व कोविड जैसी प्राकृतिक विपत्तियों से निपटने के लिए सरकार ने तमाम कदम उठाए हैं। उत्तर प्रदेश के राजस्व मंत्री विजय कश्यप ने जानकारी देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश कोविड प्रबंधन में सर्वाधिक मदद दी गयी है। दूसरे राज्यों से घर वापसी करने वाले मजदूरों की मदद के लिए हमारे विभाग ने सबसे ज्यादा तत्परता दिखाई थी। लाखों मजदूरों व श्रमिकों को सकुशल ट्रेनों के जरिए वापस लाने से लेकर, उनके खान-पान व उन्हें यहीं पर रोजगार मुहैया कराने के लिए तमाम प्रयास किए गए। इसके अतिरिक्त कोविड महामारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र में खूब धन आवंटित किया गया। अस्पतालों में वेंटिलेटर्स, बेड्स की संख्या, कोरोना जांच के लिए लैब्स के निर्माण के लिए आपदा प्रबंधन कोष से ही धनराशि आवंटित की गई।
बीते वर्षों में बाढ़, सूखे व कोविड जैसी प्राकृतिक विपत्तियों से निपटने के लिए सरकार ने तमाम कदम उठाए हैं। उत्तर प्रदेश के राजस्व मंत्री विजय कश्यप ने जानकारी देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश कोविड प्रबंधन में सर्वाधिक मदद दी गयी है। दूसरे राज्यों से घर वापसी करने वाले मजदूरों की मदद के लिए हमारे विभाग ने सबसे ज्यादा तत्परता दिखाई थी। लाखों मजदूरों व श्रमिकों को सकुशल ट्रेनों के जरिए वापस लाने से लेकर, उनके खान-पान व उन्हें यहीं पर रोजगार मुहैया कराने के लिए तमाम प्रयास किए गए। इसके अतिरिक्त कोविड महामारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र में खूब धन आवंटित किया गया। अस्पतालों में वेंटिलेटर्स, बेड्स की संख्या, कोरोना जांच के लिए लैब्स के निर्माण के लिए आपदा प्रबंधन कोष से ही धनराशि आवंटित की गई।
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इसके अतिरिक्त प्रदेश के सभी 75 जिलों में आपदा प्रबंधन विशेषज्ञों की तैनाती के प्रबंध किए गए हैं। वहीं बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए तमाम तटबंध बनवाएं गए हैं। सूखाग्रस्त बुंदेलखंड में तालाबों को नहर के पानी से भरने के लिए अधिकारियों के निर्देश दिए जा चुके हैं। वैसे योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही साल 2017 से प्रदेश की जनता को बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा से बचाने के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार कराकर कार्य कर रहे हैं।
इसके अतिरिक्त प्रदेश के सभी 75 जिलों में आपदा प्रबंधन विशेषज्ञों की तैनाती के प्रबंध किए गए हैं। वहीं बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए तमाम तटबंध बनवाएं गए हैं। सूखाग्रस्त बुंदेलखंड में तालाबों को नहर के पानी से भरने के लिए अधिकारियों के निर्देश दिए जा चुके हैं। वैसे योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही साल 2017 से प्रदेश की जनता को बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा से बचाने के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार कराकर कार्य कर रहे हैं।
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उत्तर प्रदेश को वित्त वर्ष 2015-16 से 2019-20 के बीच पांच साल में 14वें वित्त आयोग की संस्तुतियों पर कुल 3,729 करोड़ रुपये दिए गए थे। अब 15वें वित्त आयोग ने उन संस्तुतियों में बदलाव कर धनराशि को चार गुना बढ़ा दिया है। इस अनुसार, साल 2021-22 से 2025-26 तक के लिए उत्तर प्रदेश के लिए हर साल 2,578 करोड़ रुपये या इससे अधिक की धनराशि आवंटन करने की संस्तुति की गई है। 2021 के लिए 2578 करोड़ रुपए, 2022 के लिए 2707 करोड़ रुपए, 2023 के लिए 2842 करोड़ रुपए, साल 2024 के लिए 2985 करोड़ रुपए व पांचवें वर्ष 2025 के लिए 3134 करोड़ रुपए का आवंटन किए जाएंगे। अधिकारियों का कहना है कि 15वें वित्त आयोग ने बाढ़, सूखा, चक्रवात, भूकंप व अन्य आपदाओं से जोखिम का आकलन करते हुए यूपी का आवंटन तय किया है।
उत्तर प्रदेश को वित्त वर्ष 2015-16 से 2019-20 के बीच पांच साल में 14वें वित्त आयोग की संस्तुतियों पर कुल 3,729 करोड़ रुपये दिए गए थे। अब 15वें वित्त आयोग ने उन संस्तुतियों में बदलाव कर धनराशि को चार गुना बढ़ा दिया है। इस अनुसार, साल 2021-22 से 2025-26 तक के लिए उत्तर प्रदेश के लिए हर साल 2,578 करोड़ रुपये या इससे अधिक की धनराशि आवंटन करने की संस्तुति की गई है। 2021 के लिए 2578 करोड़ रुपए, 2022 के लिए 2707 करोड़ रुपए, 2023 के लिए 2842 करोड़ रुपए, साल 2024 के लिए 2985 करोड़ रुपए व पांचवें वर्ष 2025 के लिए 3134 करोड़ रुपए का आवंटन किए जाएंगे। अधिकारियों का कहना है कि 15वें वित्त आयोग ने बाढ़, सूखा, चक्रवात, भूकंप व अन्य आपदाओं से जोखिम का आकलन करते हुए यूपी का आवंटन तय किया है।
75:25 के अनुपात में होगी हिस्सेदार-
राजस्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आपदा जोखिम प्रबंधन केंद्र व राज्य सरकार की हिस्सेदारी पहले की तरह 75:25 रेशियों की बनी रहेगी। इस अनुसार केंद्र यूपी को 10,685 करोड़ रुपये देगा वहीं यूपी सरकार खुद इसमें 3561 करोड़ रुपए का अंशदान करेगी। उत्तर प्रदेश देश में दूसरा राज्य है जिसे इतनी बड़ी राशि उपलब्ध कराई जा रही है। पहले नंबर है महाराष्ट्र, जिसे 23737 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। वहीं तीसरे नंबर पर है मध्यप्रदेश (13,411 करोड़), चौथे स्थान पर उड़ीसा (11,819 करोड़ रुपए), पांचवे स्थान पर राजस्थान (10,913 करोड़) और छठे स्थान पर बिहार (10432 करोड़ रुपये) है।
राजस्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आपदा जोखिम प्रबंधन केंद्र व राज्य सरकार की हिस्सेदारी पहले की तरह 75:25 रेशियों की बनी रहेगी। इस अनुसार केंद्र यूपी को 10,685 करोड़ रुपये देगा वहीं यूपी सरकार खुद इसमें 3561 करोड़ रुपए का अंशदान करेगी। उत्तर प्रदेश देश में दूसरा राज्य है जिसे इतनी बड़ी राशि उपलब्ध कराई जा रही है। पहले नंबर है महाराष्ट्र, जिसे 23737 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। वहीं तीसरे नंबर पर है मध्यप्रदेश (13,411 करोड़), चौथे स्थान पर उड़ीसा (11,819 करोड़ रुपए), पांचवे स्थान पर राजस्थान (10,913 करोड़) और छठे स्थान पर बिहार (10432 करोड़ रुपये) है।
वित्त वर्ष : आवंटित राशि
2021-22 : 2578 करोड़ रुपए
2022-23 :2707 करोड़ रुपए
2023-24 : 2842 करोड़ रुपए
2024-25 : 2985 करोड़ रुपए
2025-26 : 3134 करोड़ रुपए
2021-22 : 2578 करोड़ रुपए
2022-23 :2707 करोड़ रुपए
2023-24 : 2842 करोड़ रुपए
2024-25 : 2985 करोड़ रुपए
2025-26 : 3134 करोड़ रुपए