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लखनऊ

यूपी सरकार का बड़ा फैसला, बीटीसी और एनटीटी कॉलेजों पर कसेगा शिकंजा

यूपी सरकार का बड़ा फैसला, बीटीसी और एनटीटी कॉलेजों पर कसेगा लगाम

लखनऊSep 28, 2017 / 02:52 pm

Ruchi Sharma

yogi aditaynath

yogi adityanath

लखनऊ. यूपी की योगी सरकार धड़ल्ले से खुल रहे बीटीसी और एनटीटी कॉलेजों पर लगाम कसने जा रही है। सरकार ने फैसला किया है कि आगे से किसी भी नए बीटीसी (डीएलएड) और एनटीटी (डीपीएसई) कॉलेज को संबद्धता नहीं प्रदान की जाएगी। सरकार की यह रोक शैक्षिक सत्र 2018-19 से अगले पांच सालों तक जारी रहेगी। सरकार ने यह फैसला भविष्य में पनपने वाले असंतुलन को ध्यान में रखते हुए लिया है।

एनसीटीई को पत्र लिख सरकार ने किया आगाह


योगी सरकार ने नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजूकेशन (एनसीटीई) के चेयरमैन को पत्र लिखकर कहा है कि यूपी में नए बीटीसी, एनटीटी कॉलेजों को मान्यता न दी जाए। यदि इस पर गंभीरता से रोक लगाने का प्रयास नहीं किया गया तो भविष्य में कानून-व्यवस्था प्रभावित हो सकती है, इसलिए यह जरूरी है कि किसी भी नए कॉलेज को मान्यता न दी जाए।

जिलों के आला अधिकारियों को दिए गए हैं ये निर्देश


बीटीसी और एनटीटी कॉलेजों की संबद्धता पर रोक की सूचना अपर मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह ने सभी जिलों के आला अधिकारियों को भेजी है। इन कॉलेजों की संबद्धता की एनओसी कमिश्नर की अगुवाई वाली कमेटी जारी करती है। अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि यूपी सरकार का पूरा ध्यान शैक्षिक, शोध की गुणवत्ता सुधारने पर है। इसके लिए प्राथमिक स्कूलों में खाली शिक्षकों के पद भरे जाएंगे। अभी प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की संख्या ज्यादा है। ऐसे में नए कॉलेज खोलने की जरूरत नहीं है। प्रशिक्षण के बाद रोजगार नहीं मिला तो कानून-व्यवस्था प्रभावित होगी। आए दिन धरना-प्रदर्शन होंगे। जिनसे निपटने में शासन प्रशासन को भारी जद्दोजहद उठानी पड़ेगी।

तो इसलिए उठाया गया है ये कदम


आंकड़ों के अनुसार यूपी से हर साल बीटीसी के दो लाख 11 हजार 950 अभ्यर्थी निकलने की संभावना है जबकि इसके विपरीत प्राथमिक स्कूलों में हर साल शिक्षकों के 10 हजार 595 पद खाली होने की संभावना है। मांग और आपूर्ति का बड़ा अंतर डराने वाला है। यह भविष्य में चुनौती बढ़ा सकता है। वहीं दूसरी ओर शिक्षा पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2017 में 10 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन फार्म भरे हैं। इसका मतलब है कि प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की संख्या मांग से चार गुना ज्यादा है। जिससे भविष्य में कानून-व्यवस्था प्रभावित हो सकने की प्रबल संभावना है।

प्रदेश भर में सात साल में खुल गए 2745 कॉलेज

आंकड़ों की माने तो पिछले सात सालों के दौरान यूपी में 2745 निजी बीटीसी कॉलेज खुल चुके हैं। इनमें बीटीसी की दो लाख एक हजार 400 सीटें हैं। 65 सरकारी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) हैं। इनकी 10550 सीटें हर साल भरी जाती हैं।

अगले पांच साल सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों की संख्या रहेगी कम

सहायक अध्यापक बने शिक्षामित्रों का समायोजन सुप्रीम कोर्ट से निरस्त होने के बाद शिक्षकों के लगभग 1 लाख 37 हजार पद खाली होंगे। इन्हें नियमानुसार भरा जाएगा। वर्ष 2012 के बाद शिक्षकों के करीब दो लाख पद भरे गए हैं। इसका मतलब है कि अगले पांच साल में सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों की संख्या कम होगी।
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