बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़े सूत्रों ने बताया कि साल 2004-05 में आगरा यूनिवर्सिटी में निर्धारित सीटों से ज्यादा डिग्री दी गईं थीं। इस मामले में कई हजार शिक्षक फंस सकते हैं।अंबेडकर विवि में बीएड के हर सत्र में फर्जीवाड़ा हुआ है। विशेष जांच दल (एसआइटी) की जांच में बीएड सत्र 2005 में 5186 फर्जी छात्र सामने आए थे। इसी तरह अन्य सत्रों की जांच होने पर बीएड का बड़ा फर्जीवाड़ा खुल सकता है। बेसिक शिक्षा सचिव सर्वेंद्र विक्रम सिंह का कहना है कि इस मामले में सभी जिलों के बीएसए से उनके यहां के फर्जी शिक्षकों के नाम और पते मांगे गए हैं। विभाग की ओर से इन शिक्षकों की सूची तैयार की जा रहा है। एसआईटी की जांच के आधार पर कार्रवाई शुरू की गई है।
मथुर में फर्जी शिक्षकों का आया था मामला पिछले दिनों मथुरा में फर्जी शिक्षकों का मामला सामने आया था। बता दें कि मामले को गंभीरता से लेते हुए अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा डॉक्टर प्रभात कुमार ने दोबारा ये पत्र जिलाधिकारियों को लिखा है। इससे पहले 19 और 20 जुलाई को सभी जिले के डीएम को आदेश दिए थे सभी डीएम को कहा गया था कि वह अपने निर्देशन में जांच समिति से ऐसे मामलों की जांच कराकर फर्जी शिक्षकों को चिन्हित कर कार्रवाई करते हुए शासन को अवगत कराएं लेकिन जिलाधिकारियों ने मामले में लापरवाही बरती। अब एक बार फिर से अपर मुख्य सचिव ने सभी डीएम को पत्र भेजकर ऐसे शिक्षकों की सूचना मांगी हैं।
कई जिलों में सामने आया फर्जीवाड़ा केवल मथुरा ही नहीं बल्कि इसके बाद प्रदेश के अन्य जिलों में भी इसी तरह के फर्जीवाड़े की खबरें आईं जिसके बाद सरकरा ने ये फैसला लिया। विभागीय सूत्रों की मानें तो शुक्रवार को सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई बेसिक शिक्षा विभाग की बैठक में भी यह मुद्दा उठा. उसमें सीएम ने साफ कहा कि कोई भी फर्जी शिक्षक बचना नहीं चाहिए। उन्होंने फर्जीवाड़ा करने वालों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। इस मामले में अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा डॉक्टर प्रभात कुमार ने सभी बीएसए को भी पत्र भेजा है।
बीएसए को भी भेजा था पत्र अपर मुख्य सचिव की ओर से सभी बीएसए को भी पत्र भेजा गया है।इसमें सभी बीएसए को निर्देश दिए गए हैं कि वह ऐसे शिक्षकों का ब्यौरा एसटीएफ और शासन को दें, जिन्होंने हाईस्कूल, इंटर, स्नातक, बीएड, बीटीसी आदि के प्रमाण पत्र की दूसरी प्रति लगाकर नौकरी हासिल की है। उन शिक्षकों का ब्यौरा देने के लिए भी कहा गया है जिन्होंने वित्त और लेखाधिकारी के यहां अपना पैन नंबर बदलवाया है। ऐसे शिक्षकों की सूची बनाकर 1 हफ्ते में देने के लिए कहा गया है।