लखनऊ

कहीं आपका कुत्ता भी तो इन खूंखार नस्ल का नही, UP सरकार नें इन खूंखार कुत्तों की नस्लों पर लगाया बैन

बीते कई महीनों से खूंखार कुत्तों की नश्ले द्वारा आए दिन लोगों पर जानलेवा हमले किए जाने की खबर आ रही है। देश के हर भाग में यह घटना होने के कारण केंद्र सरकार ने इस पर गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए खूंखार कुत्तों की कई नस्लों को बैन कर दिया। इस निर्णय को संज्ञान लेते हुए यूपी सरकार भी कुत्तों की कई खूंखार नश्लों को बैन कर दिया।

लखनऊMar 27, 2024 / 03:06 pm

anoop shukla

कहीं आपका कुत्ता भी तो इन खूंखार नस्ल का नही, UP सरकार नें इन खूंखार कुत्तों की नस्लों पर लगाया बैन

UP सरकार ने कुत्तों की करीब 23 खतरनाक नस्लों पर प्रतिबंध लगाया है, बता दें की केंद्र सरकार ने इसके लिए पहले ही सुझाव दे दिया था। कुत्ते काटने की घटनाओं में हो रही मौतों को देखते हुए यह प्रतिबंध लगाया गया है। केंद्र सरकार के सुझाव पर यूपी सरकार ने क्रूर मानी जानी वाली कुत्तों की 23 प्रजातियों के आयात, प्रजनन और बिक्री पर रोक के आदेश जारी किए हैं। सभी नगर निगमों और स्थानीय निगमों, प्रशासन के साथ ही सभी मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारियों के लिए यह आदेश जारी कर इन नियमों का पालन कराने के आदेश जारी किए गए हैं।
इन खतरनाक नस्लों पर प्रतिबंध

इनमें मिश्रित और क्रॉस नस्लों के डॉग शामिल हैं, जैसे- पिटबुल टेरियर, टोसा इनु, अमेरिकन स्टैफोर्डशायर, टेरियर, फिला ब्रासीलीरो, डोगो अर्जेंटीनो, अमेरिकन बुलडॉग, बोअरवेल, कांगल, मध्य एशियाई शेफर्ड डॉग (ओवचाको), कोकेशियान शेफर्ड डॉग (ओवचाकी), दक्षिण रूसी शेफर्ड कुत्ता (ओवचाका), टॉर्नजैक, सरप्लानिनैक, जापानी टोसा और अकिता, मास्टिफ्स (बोरबुल्स), रॉटवीलर टेरियर्स रोडेशियन रिजबैंक, वुल्फ कुत्ते, कैनारियो, अकबाश कुत्ता, भॉस्को गार्ड कुत्ता, केन कोरो और उस प्रकार का हर कुत्ता जिसे आमतौर पर एक बैन डॉग (या बैडोग) जाना जाता है।
इन खूंखार कुत्तों की नस्लों को आयात, प्रजनन, पालतू कुत्तों के रूप में बेचने और अन्य उ‌द्देश्यों के लिए प्रतिबंधित करने और इन कुत्तों की नस्लों को रखने के लिए कोई लाइसेंस या परमिट जारी न करने और केंद्र सरकार द्वारा प्रकाशित पशुक्रूरता निवारण (कुत्ता प्रजनन और विपणन) नियम, 2017 व पशुक्रूरता निवारण (पालतू जानवर की दुकान) नियम, 2018 के नियमों को लागू करने एवं उसके क्रियान्वयन हेतु निर्देश दिए गए हैं।साथ ही प्रशासन और विकास पशु पालन विभाग द्वारा निर्देशित करते हुए पत्र जारी किए गए हैं, जिसमें दिये गये निर्देशानुसार आवश्यक कार्यवाही और निर्देशों का पालन कराने के आदेश लिखे हैं।
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