हिंसा में अब तक 16 की मौत वहीं पुलिस महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) प्रवीण कुमार (IG Law and Order Praveen Kumar) ने बताया कि सीएए (CAA) को लेकर लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शनों में अब तक 124 एफआईआर दर्ज की गई हैं। जबकि 705 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, वहीं 4500 लोगों को गिरफ्तार करके मुचलके पर छोड़ दिया गया है। आईजी के मुताबिक पथराव, आगजनी में 263 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें से 57 पुलिसकर्मियों को गोली लगी है। उन्होंने बताया कि हिंसा में 1६ लोगों की मौत हुई है। प्रवीण कुमार के मुताबिक नॉन प्रतिबंधित बोर के 405 खोखे पुलिस ने बरामद किए हैं। आईजी के मुताबिक सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई आरोपियों की संपति कुर्क कर की जाएगी।
14 हजार से ज्यादा आपत्तिजनक पोस्ट आईजी ने बताया कि सोशल मीडिया (Social Media) पर भी पुलिस की नजर लगातार बनी हुई है और वह बड़ी कार्रवाई कर रही है। आईजी ने बताया कि सोशल मीडिया के 14,101 आपत्तिजनक पोस्टों को लेकर संबंधित लोगों पर कार्रवाई की गई है। इनमें टि्वटर की 5965, फेसबुक की 7995 और यूट्यूब की 142 आपत्तिजनक पोस्ट शामिल हैं। इनमें 63 एफआईआर दर्ज की गई हैं, वहीं 102 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इनके अलावा 442 पाबंद किए गए हैं।
देशभर में हो रहा विरोध आपको बता दें कि संशोधित नागरिकता कानून (CAA) में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न के शिकार लोग, जो भारत में शरण लेने आए हैं। उनमें शामिल हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी। इनमें सिर्फ वही लोग शामिल हैं जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत में प्रवेश कर चुके थे। ऐसे सभी लोग भारत की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे। इस कानून का विरोध करने वाले लोगों का कहना है कि इसमें सिर्फ गैर मुस्लिमों को ही नागरिकता देने की बात कही गई है। इसलिए यह कानून धार्मिक भेदभाव वाला है। जो कि संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने इस बिल पर 12 दिसंबर 2019 को हस्ताक्षर कर दिए। जिसके बाद यह नागरिकता कानून, 1955 में संबंधित संशोधन देशभर में लागू हो गया। सरकार की अधिसूचना के मुताबिक गुरुवार को आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित होने के बाद देश भर में यह कानून लागू हो गया है।