Q- चुनाव को लेकर पुलिस की क्या तैयारियां चल रही हैं?
A- लखनऊ परिक्षेत्र में छह जनपद हैं। इनमें हरदोई, खीरी, लखनऊ, रायबरेली, सीतापुर और उन्नाव शामिल है। लखनऊ नगर निगम के अलावा 21 नगर पालिकाएं, 45 नगर पंचायत व 1174 वार्ड हैं। सभी जनपदों में सवेंदनशीलता का आकलन शुरु हो गया है। थाना स्तर व प्रशासनिक स्तर पर सर्तकता बरती जा रही है।
Q- चुनाव से पूर्व अपराधियों के प्रति क्या कार्रवाई चल रही है?
A- अवैध शराब, असलहें व इनकी अवैध फैक्टिरियों लगातार कार्रवाई हो रही है। चुनाव को जो प्रभावित कर सकते हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है। शातिर अपराधियों के खिलाफ हिट्रीशीट खोलने के साथ सभी तरह की कार्रवाई जारी है।
Q- पुलिस किन जिलों को संवेदशील मान रही है, उनके लिए क्या कार्रवाई हो रही है?
A- लखनऊ जनपद का पश्चिमी क्षेत्र अति संवेदनशील है। यहां पूर्व में भी कुछ घटनाएं चुनाव के दौरान सामने आ चुकी हैं। वहीं हरदोई, उन्नाव, सीतापुर पर विशेष नज़र है। यहां कई नगर पालिकाएं हैं। सभी जनपदों में प्रत्याशियों का नाम सामने आते ही संवेदनशील व अति संवेदनशील स्थित स्पष्ट हो जाएगी।
Q- चुनाव के बाद भी पुलिस पर कानून-व्यवस्था का दवाब रहता है?
A- प्रयास है कि मेरे परिक्षेत्र में किसी भी पुलिसकर्मी पर जातिगत या राजनीतिक आधार पर आरोप न लगे। वह इमानदारी से ड्यूटी करें। कोई भी राजनीतिक व्यक्ति, पार्टी, जाति-धर्म के प्रभाव में कार्रवाई करता हुआ पाया गया, तो वह कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
Q- प्रदेश में एनकाउंटर हुए और अपराधी पकड़े गए, यह सरकार की असर है या पुलिस का?
A- पुलिस के लिए जो भी चुनौती बनता है, उसके खिलाफ नियम कानून के दायरे में रह कर कार्रवाई की जा रही है। अपराध पर कंट्रोल सामंजस्य के बाद ही संभव है।
Q- भ्रष्ट मुनीम और दीवान के खिलाफ मुहिम कहां तक पहुंची?
A- थाना स्तर पर मुनीम और दीवान के साथ अधिकारियों की बैठक कराई गई। ताकि नीचले स्तर से भ्रष्टाचार खत्म हो सकें। इसके के चलते पूर्व में पूरे पारा थाने को लाइन हाजिर कर दिया गया था। असर ये है कि किसी भी थाने पर भ्रष्टाचार की शिकायत पांच महीने से नहीं हुई है।
Q- अफसरों पर लगातार राजनीतिक दल के करीब होने का दाग लगता है, क्यों?
A- पुलिस को निष्पक्ष कार्रवाई करनी चाहिए। किसी भी हालत में पुलिसकर्मी का कार्य आचरण संदिग्ध पाया तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। राजनीतिक दल के लोग भी किसी पुलिसकर्मी का कार्य आचरण गलत पाते हैं, तो उसे हमारे संज्ञान में लाएं।
Q- सरकार बदलते जातिगत पोस्टिंग और ट्रांसफर के आरोप लगते हैं, आप क्या मानते हैं?
A- मेरा 23 साल का कार्य अनुभव रहा है, मैंने विभिन्न सरकारों में काम किया है। अन्य अधिकारियों के बारे में कोई टिप्पणी नहीं करूंगा, लेकिन मैं योग्यता के आधार पर ही नियुक्ति का पक्ष रखता हूं।
Q- ज्यादा दवाब वाले जिले को कैसे हैंडल किया?
A- मैंने जनपद प्रतापगढ़ में एक नहीं दो बार विधानसभा चुनाव कराया है। 2002 में अति संवेदनशील जिला माना जाता है। उस समय भी राजनीतिक दबाव से दूर रहा, यहां तक जो पुलिसकर्मी राजनीतिक प्रभाव में नज़र आया उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की गई थी।
Q- आईजी लखनऊ का पद संभालने के बाद क्या बड़ा बदलाव किया?
A- मेरा प्रयास था कि अपराध के साथ-साथ भ्रष्टाचार पर लगाम लगें। इसमें काफी बदलाव हुआ और अपराध के साथ भ्रष्टाचार पर नियंत्रण नज़र आने लगा है।
Q- वर्तमान और पूर्व सरकार में पुलिस को मिली छूट को कैसे आंकते है?
A- मेरा माना है कि अधिकारी नियम व कानून के हिसाब से कार्रवाई करता है तो किसी भी रुप में हस्ताक्षेप की बात नहीं आती है। अपने कार्यकाल में मैंने विभिन्न सरकारों में कार्रवाई निष्पक्षता के साथ की।
Q- कभी सरकार के दवाव में रहें?
A- इस संबंध में मैं जहां पोस्ट रहा वहां की आम जनता और विभिन्न राजनीतिक लोग और विपक्ष भी बेहतर बताएंगे। हाल में रायबरेली की एक बड़ी घटना में भी निष्पक्ष कार्रवाई के बाद विपक्ष के लोगों ने पुलिस कार्रवाई की तारीफ की थी।