याचिका में आरोप लगाया गया है कि यूपी में एक व्यक्ति के खिलाफ भेदभावपूर्ण तरीके से नोटिस जारी किया गया है। जिसके नाम से नोटिस भेजा गया है उसकी छह साल पूर्व 94 वर्ष की उम्र में ही मौत हो चुकी है। वहीं जिन दो अन्य लोगों को नोटिस भेजा गया है वह 90 वर्ष से ज्यादा की उम्र के हैं। शुक्रवार को जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस ऋषिकेश राय की पीठ के सामने सुनवाई के लिए याचिका सूचीबद्ध की गई थी। पीठ के नहीं बैठने से याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी। मामले में याची वकील परवेज आरिफ टीटू ने नोटिसों पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने दावा किया है कि ये उन लोगों को भेजे गए हैं जिनके खिलाफ किसी भी दंड प्रावधान के तहत मामला दर्ज नहीं किया गया है और उनके खिलाफ न तो एफआइआर दर्ज की गई है और न ही आपराधिक मामला बनाया गया है।